प्याज की बढ़ती कीमतों में लगाम लगाने के लिए सरकार ने उठाया कदम
टमाटर, आलू और प्याज का महंगाई दर में 0.6 फीसदी, 1 फीसदी और 0.6 फीसदी का हिस्सा होता
आम जनता पर महंगाई की मार पड़ सकती है क्योंकि आलू, प्याज, टमाटर जैसी प्रमुख सब्जियों की कीमतों में बढ़त दर्ज की गई है. हाल के कुछ हफ्तों में इन प्रमुख सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है, जिसका असर खाद्य महंगाई दर पर दिख सकता है. उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जारी किए गए जनवरी के डाटा के अनुसार आलू के रिटेल रेट में सालाना आधार पर 33 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है और यह फिलहाल 20 रुपये किलो प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है. वहीं प्याज की रिटेल कीमत में 20 फीसदी की बढ़त हुई है और यह बढ़कर 30 रुपये प्रति किलोग्राम और टमाटर की कीमत सालाना के आधार पर 50 फीसदी तक की बढ़त हुई है और यह रिटेल बाजार में 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है.
आगे और बढ़ेगी महंगाई
फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अगले कुछ महीनों में टमाटर और आलू जैसी सब्जियों की कीमतों में और इजाफा देखने को मिल सकता है. वहीं पिछले साल इस दौरान टमाटर और आलू के दाम में 36 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. जुलाई 2023 में मानसून की खराब स्थिति के कारण टमाटर की कीमतों में 202 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई थी और देश के कई हिस्सों में यह 100 रुपये प्रति किलो से भी महंगा बिका था. इसके बाद सरकार ने मार्केट में दखल देकर सप्लाई चेन को ठीक करने के लिए कई जगह पर 70 रुपये में टमाटर की बिक्री की थी.प्याज रिटेल बाजार में 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है, वहीं इसकी रिटेल कीमतों में पिछले तीन महीने में 25 फीसदी की कमी देखी गई है. अक्टूबर 2023 में प्याज के दाम में 74 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई थी , जिसके बाद केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही सरकार ने 25 रुपये के रेट पर प्याज की बिक्री का भी फैसला किया था. सरकार की इन कोशिशों के कारण अब प्याज नासिक मंडी में 1000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे आ गया है जो महीने के शुरुआत में 2000 रुपये प्रति क्विंटल तक था. है. ऐसे में अगर इन अगर इन सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी होगी तो इसका असर खाद्य महंगाई पर निश्चित रूप से दिखेगा.