हेयर कलरिंग, हेयर स्ट्रेटनिंग और हेयर स्मूथिंग सभी उम्र के लोगों के फैशन ट्रेंड का हिस्सा बनते जा रहे हैं.
शरीर के इन अंगों में हो सकता है कैंसर
हेयर कलरिंग, हेयर स्ट्रेटनिंग और हेयर स्मूथिंग आजकल ज्यादातर लड़कियां अपने बालों में इन चीजों का इस्तेमाल करवाती हैं. ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ यंग लड़कियां करवाती हैं बल्कि यह सभी उम्र के लोगों के फैशन ट्रेंड का हिस्सा बनते जा रहे हैं. लेकिन डॉक्टर से जब इन फैशन ट्रेंड को लेकर बात किया गया है तो उनकी राय बिल्कुल अलग है. डॉक्टर ने हेयर कलरिंग, हेयर स्ट्रेटनिंग और हेयर स्मूथिंग को लेकर वार्निंग दी है. उन्होंने कहा कि बालों से लुक काफी बदल जाता है यह सच है लेकिन , FDA (Food and Drug Administration) ने हाल ही में कैंसर की रोकथाम के लिए कहां है कि बालों को सिल्की बनाने वाली चीजों का इस्तेमाल कम से कम करें. ऐसे प्रोडक्ट में फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मेल्डिहाइड-रिलीजिंग कैमिकल्स (formaldehyde and formaldehyde-releasing chemicals) होते हैं. जिसके कारण कैंसर का खतरा बढ़ता है.
कैंसर का बढ़ता है खतरा
बालों को सिल्की और चिकना बनाने के लिए खास प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मेल्डिहाइड-रिलीजिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है. बालों को सीधा करने वाले प्रोडक्ट के इस्तेमाल से थोड़े टाइम के लिए सीधा तो हो जाता है लेकिन यह कई सारी गंभीर समस्याओं को जन्म देती है. फॉर्मेल्डिहाइड (formaldehyde) होते हैं जिसके धुएं से आंख, नाक और गले में जलन पैदा होता है. सांस से जुड़ी दिक्कत भी हो सकती है. जिसके कारण जोखिम का कारण भी हो सकता है.
महिलाओं में इस कैंसर का बढ़ता है खतरा
ज्यादा हेयर प्रोडक्ट के इस्तेमाल से महिलाओं में गर्भाशय के कैंसर का खतरा बढ़ता है. साल 2022 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH Record) के मुताबिक केमिकल के इस्तेमाल के बाद जो धुआं निकलता है उससे गर्भाशय कैंसर का खतरा बढ़ता है. दरअसल, यह कैंसर तब होता है जब कैंसर के सेल्स एंडोमेट्रियम के टिश्यूज में बन जाती है. जो गर्भाशय के परत पर होती है. फॉर्मेल्डिहाइड इन कैंसर्स सेल्स को ट्रिगर करती है और शरीर में म्यूटेशन को बढ़ावा देती है.
हेयर डाई से ब्लैडर कैंसर का खतरा
Cancer.gov की एक रिसर्च के मुताबिक बालों में कलर करने से ब्लैडर कैंसर का खतरा भी बढ़ता है. हेयर ड्राई के लगभग 80 प्रतिशत प्रोडक्ट हाइड्रोजन पेरोक्साइड से बनता है जो कि कार्सिनोजेनिक फॉर्मूलेशन है. यह ब्लैडर में कैंसर को बढ़ावा देता है.