खुर्जा और आगरा जा रहा हाथरस के हिस्से का आधा पानी, सिंचाई के लिए किसान परेशान
हाथरस ब्रांच नहर से क्षेत्र के रजबहे और माइनर भी जुड़ते हैं। जिले में इस नहर की लंबाई करीब 18 किलोमीटर है। जिले के करीब 21 हजार किसान फसलों की सिंचाई के लिए इस नहर के पानी पर निर्भर हैं
हाथरस। हाथरस ब्रांच नहर से क्षेत्र के रजबहे और माइनर भी जुड़ते हैं। जिले में इस नहर की लंबाई करीब 18 किलोमीटर है। जिले के करीब 21 हजार किसान फसलों की सिंचाई के लिए इस नहर के पानी पर निर्भर हैं। जिले में किसानों की फसलें पानी की कमी से सूख रही हैं, फिर भी यहां के किसानों को जरूरत से आधा पानी ही नहर के जरिये मिल पा रहा है। जिले के हिस्से का आधा पानी खुर्जा और आगरा भेजा जा रहा है। ऐसे में जिले के किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। ब्रांच नहर की सीमा इगलास बाईपास से शुरू होती है। यहां से इस नहर से क्षेत्र के रजबहे और माइनर भी जुड़ते हैं। जिले में इस नहर की लंबाई करीब 18 किलोमीटर है। जिले के करीब 21 हजार किसान फसलों की सिंचाई के लिए इस नहर के पानी पर निर्भर हैं। जिले को प्रतिदिन 800 क्यूसेक पानी की आवश्यकता रहती है, लेकिन वर्तमान में महज 400 क्यूसेक पानी ही नहर के जरिये मिल पा रहा है। इस कारण नहर से जुड़े रजबहा और माइनरों की टेल तक पानी नहीं पहुंच पाता है और किसानों के सामने फसलों की सिंचाई के लिए पानी की समस्या खड़ी हो जाती है। जिले की नहर में हरिद्वार से गंगा नदी से पानी आता है। हरिद्वार से जब पानी छोड़ा जाता है तो सबसे देरी से यह पानी हाथरस पहुंचता है। हरिद्वार से पानी मेरठ, खुर्जा, बुलंदशहर, अलीगढ़ होते हुए हाथरस पहुंचता है। वर्तमान में खुर्जा में इस पानी को पावर प्लांट के लिए ट्रांसफर कर दिया जा रहा है। इसके बाद खुर्जा के निकट परमा नामक जगह से अंडरग्राउंड पाइप लाइन और अन्य स्रोतों के माध्यम से इस पानी को आगरा में पेयजल आपूर्ति के लिए भेजा जा रहा है। इस कारण जिले तक पूरा पानी नहीं पहुंच पाता। विभागीय अफसरों का कहना है कि पानी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई बार उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया जा चुका है।बलजीत सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई का कहना है कि हाथरस में पानी की आपूर्ति लक्ष्य के सापेक्ष नहीं हो पा रही है। इस कारण नहर व रजबहों में पानी कम रहता है। उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया है।
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एक नजर
जिले को पानी की आवश्यकता – 800 क्यूसेक
लक्ष्य के अनुसार हो रही आपूर्ति – 400 क्यूसेक
नहर व रजबहों पर निर्भर खेती का क्षेत्रफल – 1,03,292 हेक्टेयर
नहर-रजबहों पर निर्भर किसान – करीब 21 हजार
जिले में नहर क्षेत्र की लंबाई – करीब 18 किलोमीटर
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सादाबाद क्षेत्र के रजबहों में नहीं पहुंचता है पानी
हाथरस ब्रांच नहर में कमी होने से अक्सर सादाबाद क्षेत्र के रजबहों में पानी नहीं पहुंच पाता है। आलम यह है कि हर वर्ष यहां के किसान इस बारे में अधिकारियों को शिकायती पत्र देते हैं। सादाबाद क्षेत्र के कुरसंडा, नौगांव, टीकैत के रजबहों में इस बार भी पानी नहीं पहुंच रहा है। इनसे जुड़े नगला गिरधारी, नगला मांधाता, पुसैनी, गढ़ी आशा, नगला मोहल, नगला बबूल, नगला चांद, कुम्हरई, सरौठ, नगला बलवंत आदि गांवों के किसान हर साल रजबहे में पानी का इंतजार करते हैं।