मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से प्रदेश के हुक्का बारों पर बैन लगाया गया है.
कानून का उल्लंघन किया तो मिलेगी ये सख्त सजा
मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में हुक्का बार बंद करने का कानून लागू कर दिया है. अब कोई भी हुक्का पिलाता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ नए कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसका विधेयक 12 जुलाई 2023 के मध्यप्रदेश विधानसभा में पारित हुआ था. अब इसे राष्ट्रपति ने स्वीकृति प्रदान कर दी है जिससे अब यह कानून प्रदेश में प्रभावशील हो गया है
तीन साल तक की सजा का प्रावधान
यहां बता दें कि इस कानून के तहत सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन संशोधन अधिनियम 2023 है. इस संशोधित कानून में कहा गया है कि हुक्का में तम्बाकू एवं अन्य पदार्थों को भरा जाता है. जिससे कई हानिकारक पदार्थ पैदा होते हैं. जिनका सेवन लोग करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है.इसके अतिरिक्त कुछ मामलों में हुक्का बार आपराधिक गतिविधियों का केंद्र भी पाया गया है. इसलिए हुक्का बार में प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है. नए कानून के तहत अब मध्य प्रदेश में हुक्का बार चलाने पर तीन वर्ष तक का कारावास हो सकेगा जो कि एक वर्ष से कम नहीं होगा. इसके साथ ही एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकेगा, जो 50 हजार रुपए से कम नहीं होगा.
‘जमानत पर आकर अपराध करने वाली जमानत रद्द करवाई जाए’
पुलिस मुख्यालय भोपाल की एससीआरबी शाखा से जारी आदेश का पालन करने के उद्देश्य से शुक्रवार को जबलपुर के पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में पुलिस अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता एससीआरबी शाखा के एडीजीपी चंचल शेखर ने की. इस दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जमानत पर छूटने के बाद अपराध करने वालों की जमानत रद्द कराई जाए.उन्होंने कहा कि शासन द्वारा लाउड स्पीकर के संबंध में जो दिशा निर्देश दिए गए हैं, उसका सख्ती से पालन कराया जाए. उनका कहना था कि ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए. बैठक में एडीजीपी उमेश जोगा, डीआईजी आरआरएस परिहार एवं जोन के जिलों के एसपी शामिल हुए.