पत्रकार के खिलाफ़ कोतवाली हाथरस गेट में मुकद्दमा वापस नहीं तो उग्र आन्दोलन करेगा राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ
डीआईजी की गैर मौजूदगी में एस एस पी से मिला पत्रकारों का प्रतिनिधि मंडल
अलीगढ़। राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के तत्वदान में जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र राघव के नेतृत्व में डीआईजी पत्रकारों का प्रतिनिधि मण्डल डीआईजी अलीगढ़ परिक्षेत्र अलीगढ़ शलभ माथुर को संबोधित ज्ञापन उनकी गैर मौजूदगी में एस एस पी अलीगढ़ कलानिधि नैथानी से मिला और पत्रकार साथी सत्यवीर सिंह के खिलाफ महिला पुलिस कर्मी द्वारा झूठा मुकदमा जनपद हाथरस गेट में लिखवाने की जांच उच्चाधिकारियों कराकर निर्दोष पत्रकार को न्याय दिलाने हेतु ज्ञापन सौंपा। जिसमें पत्रकारों ने बताया कि थाना प्रभारी हाथरस गेट और एसआई नरेंद्र पाल सिंह द्वारा दो दिन से कॉल कर पत्रकार से अभद्र व्यवहार कर जेल भेजने की धमकियां मिल रही हैं।
ज्ञापन में बताया है कि महिला कास्टेबिल द्वारा षड्यंत्र के तहत साजिश करते हुये पत्रकार को झूठे मुकद्दमें फंसाना, जिसमें पुलिस अधिकारियों द्वारा पत्रकार को क्लीन चिट देने पर मनगढ़त कहानी तैयार करते हुये जहरीले पदार्थ का सेवन कर लेने के बाद छत से कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास कर पत्रकार को जेल भिजवाने का पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाकर मुकद्दमा दर्ज करा दिया गया है। सत्यवीर सिंह पत्रकार पुत्र स्व. झाजन सिंह निवासी माधव बिहार आगरा रोड़ थाना सासनीगेट विगत 8 वर्ष से समाचार पत्र में कार्य करके समाज सेवा कर रहा है। उनका कहना है कि दिनांक 19/04/2022 को समाचार संकलन के दौरान थाना सादाबाद में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म दो मामले में आरोपियों से सांठ-गांठ करते हुये पीड़िता पर एक महिला कांस्टेबिल शालिनी द्वारा दबाव बनाने का प्रयास कर रही थी उसका वीडियो और ऑडियो वायरल हुआ था। सत्यवीर सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर कमेंट करते हुये बलात्कार के मामले में जांच अधिकारी से बात की तो उन्होंने महिला कांस्टेबिल शालिनी शर्मा से फोन के माध्यम से बात करा दी और पत्रकार का नम्बर 9456802106 महिला कांस्टेबिल को दे दिया। उसके बाद शालिनी पत्नी राघवेन्द्र ने पत्रकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से षड़यंत्र के तहत साजिश रचकर झूठे मुकदमें में फंसाते हुये 23/04/2022 को कोतवाली हाथरस में अ.सं. 104/22 आईपीसी की धारा 354 (क), 506 के तहत मनगढ़त मुकद्दमा सत्यवीर सिंह और कार चालक धर्मेन्द्र के खिलाफ पंजीकृत करा दिया। जिसमें पुलिस द्वारा जांच में कार चालक धर्मेन्द्र को दोषी पाये जाने पर जेल भेज दिया। जबकि पत्रकार सत्यवीर ने अपने बचाव में एसपी हाथरस को अपने पास साक्ष्य प्रस्तुत किये तो पुलिस अधिकारियों ने सत्यवीर को निर्दोष साबित करते हुये महिला कांस्टेबिल शालिनी से समझौता करने के लिये कहा तो उसने अपने घर जाकर मनगढ़त कहानी रचकर जहरीले पदार्थ का सेवन आत्महत्या के उद्देश्य से कर पुलिस अधिकारियों पर भी उल्टे-सीधे आरोप लगाते हुये अपने बयान समाचार पत्रों में प्रकाशित करवा दिये हैं। फिर भी जब पुलिस अधिकारियों ने सत्यवीर के खिलाफ कार्यवाही नहीं की तो शालिनी ने छत से कूदकर पुनः आत्महत्या का प्रयास करते हुये पुलिस अधिकारियों को दोषी बताकर पत्रकार को झूठे मुकद्दमें में जेल भेजने का दबाव बना रही है। शालिनी अपनी खाकी वर्दी का दुरूपयोग करते हुये एक निर्दोष पत्रकार को जेल भेजने का पुलिस अधिकारियों पर नाजायज दबाव बनाते हुये पत्रकार का शारीरिक व मानसिक शोषण करने में लगी हुई है। पत्रकारों ने डीआईजी से उक्त प्रकरण में उच्चाधिकारियों से जांच कराकर महिला कांस्टेबिल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुये एक पत्रकार को न्याय दिलाने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में। अनवर खान, मो राशिद, गौरव रावत, पुष्पेंद्र सिंह, अहोरम सिंह राजौरिया, विशाल नारायण शर्मा, रुप किशोर राजपूत, सत्यवीर सिंह, धर्मेंद्र राघव, विनीत गुप्ता, रॉकी आलोक, गुडडू कुमार, राजेंद्र कुमार, फरहत अली, मुशीर अहमद खां, मनोज चौहान, बबलू खान, रवि राज, आदि अन्य पत्रकारों बंधु मौजूद थे।