छत्तीसगढ़ में धान की फसल की पत्तियां अब लहराने लगी हैं, और पत्तियों में बलिया भी आ रही
मौसम में किसानों को धान की फसल में मकड़ी, शीथरॉड, और बदरा बीमारी का सामना करना पड़ रहा
छत्तीसगढ़ में धान की फसल की पत्तियां अब लहराने लगी हैं, और पत्तियों में बलिया भी आ रही है. वहीं, लगातार बदलते मौसम में किसानों को धान की फसल में मकड़ी, शीथरॉड, और बदरा बीमारी का सामना करना पड़ रहा है. पौधों के तने और ऊपरी भाग इस बीमारी द्वारा प्रभावित होते हैं. जांजगीर चांपा जिले में धान फसल में कीट के प्रकोप से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. वृद्धि अवस्था में यह रोग तने पर भूरे धब्बे के रूप में दिखाई देता है. इस बदरा में धान के बलिया के अंदर चावल नहीं बन पाती है. वहीं, इन बीमारियों की पहचान और उनसे बचाव के लिए किस दवा का छिड़काव करें, इस पर कृषि कीट वैज्ञानिक ने क्या बताया है.
कृषि कीट वैज्ञानिक की सलाह
इस संबंध में जांजगीर चांपा कृषि विज्ञान केंद्र के कीट वैज्ञानिक रंजीत कुमार मोदी ने Local 18 को बताया कि धान की फसल में बदरा कई कारणों से होता है, लेकिन पिछले 4-5 वर्षों से स्थानीय किसान इसे मकड़ी के नाम से जानते हैं. उन्होंने बताया कि धान की फसल में बदरा की शिकायत मकड़ी के कारण भी होती है. शीथरॉड के कारण भी यह बीमारी होती है, जिसमें पौधे में किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. लेकिन जब उस पौधे से बालियां निकलती हैं, तो वह पूरी तरह से लाल होती हैं और उसके अंदर कुछ नहीं रहता है. इसे किसान मकड़ी की बीमारी समझ रहे हैं और मकड़ी नाशक दवाई का उपयोग कर रहे हैं.