दिल्ली में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपने अनुयायियों के साथ गोरक्षा के लिए संसद तक मार्च निकाला.
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से गाय को 'राष्ट्रमाता' का घोषित करने की भी मांग की जा रही है
दिल्ली में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपने अनुयायियों के साथ गोरक्षा के लिए संसद तक मार्च निकाला. अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से गाय को ‘राष्ट्रमाता’ का घोषित करने की भी मांग की जा रही है. इससे पहले उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रयागराज में संतों की मांग मान लेते हैं तो महाकुंभ 2025 से पहले गाय को ‘राष्ट्रमाता’ का दर्जा दिया जा सकता है. संत चाहते हैं कि गाय को ‘रामा’ कहा जाए, ‘रा’ का अर्थ ‘राष्ट्र’ (राष्ट्र) और ‘मा’ का अर्थ ‘माता’ (मां) हो.शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से इससे पहले भारत के निर्वाचन आयोग में पंजीकृत दलों को गौ माता को राष्ट्र माता बनाये जाने और गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाए जाने के लिए पत्र लिख चुके हैं. उनकी तरफ से कहा गया है कि इसको मानने वाले को भाई दल की सूची और ना मानने वालों को कसाई दल की सूची में रखा जाएगा. इसके साथ सनातनियों को उन कसाई दलों को वोट न करने के लिए कहा जाएगा.
गौ हत्या का मतदाताओं को भी लगता है दोष’
शंकराचार्य ने कहा कि जनता के वोटों से सरकार को चुना जाता है और उस सरकार में अगर गौ हत्या होती है तो गौ माता की हत्या का दोष मतदाताओं को भी लगता है. उन्होंने कहा कि इसलिए जनता को गौ माता की हत्या के कलंक से बचाने का दायित्व उनका है, क्योंकि वे एक एक धर्म गुरु है. गौ माता के लिए ही वे नंगे पाव जन जागरण यात्रा करते हुए घूम रहे हैं, जिस राजनीतिक पार्टी की तरफ से कहा जाएगा कि वो गौ हत्या के खिळाप हैं, तो गौ माता की हत्या नहीं होने देंगे तो हम उस दल के प्रत्याशियों को लोकसभा में चुनने के लिए स्वयं अपील करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने हिंदू परिवारों से अपील की कि वे अपने घरों पर पोस्टर लगाये कि केवल भाई दल की पार्टी के नेताओं का स्वागत है.