एएमयू में संचालित मदन मोहन मालवीय टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर से नौकरी से निकाले जाने और वेतन बंद करने पर 3 अगस्त को कुलसचिव कार्यालय के सामने धरना शुरू कर दिया
आफाक अहमद ने कहा कि सेंटर के खाते में 83 लाख रुपये की धनराशि है। इसके बाद भी कर्मियों को परेशान किया जा रहा
एएमयू में संचालित मदन मोहन मालवीय टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर से नौकरी से निकाले जाने और वेतन बंद करने पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने 3 अगस्त को कुलसचिव कार्यालय के सामने धरना शुरू कर दिया। निकाले गए कर्मचारी पिछले 13 साल से काम कर रहे थे। इन्हें एक साल का सेवा विस्तार भी दिया गया है। इन कर्मचारियों का धरना सुबह 10 बजे से शुरू हो गया। यूनिवर्सिटी में यूजीसी द्वारा संचालित मदन मोहन मालवीय टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर (एमएमएमटीटीसी) से निकाले गए और अनियमित किए गए कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर बेमियादी धरना शुरू कर दिया है। कर्मचारी आफाक अहमद ने बताया कि इस सेंटर में कार्यरत मोहम्मद मुईन, नाजरीन अफसर, तारिक अली को जून में नौकरी से निकाल दिया गया है। राशिद अली, मोहम्मद खालिद, मुसर्रत अली, मोहम्मद राशिद, मोहम्मद आजम, इशहार अहमद, मोहम्मद शाकिर, सलीम अहमद सिराज, वसीम अली, रिंकू कुमार, अजय कुमार, सैयद मुजम्मिल अली को जुलाई से अनियमित कर दिया गया है। जबकि सभी कर्मियों को एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था। आफाक अहमद ने कहा कि सेंटर के खाते में 83 लाख रुपये की धनराशि है। इसके बाद भी कर्मियों को परेशान किया जा रहा है। कर्मचारियों को निकालने और वेतन रोकने का आदेश का पत्र सेंटर की निदेशक ने ही जारी किया है। मांगें पूरी होने तक धरना जारी रहेगा। इस संबंध में सेंटर की निदेशक डॉ. फायजा अब्बासी ने बताया कि इस मामले में जो पत्राचार किया गया है, वह यथावत है।
मदन मोहन मालवीय टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर में शिक्षक होते हैं प्रशिक्षित
एएमयू में संचालित मदन मोहन मालवीय टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर (एमएमएमटीटीसी) में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों को पढ़ाने के तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां रिफ्रेशर कोर्स भी कराया जाता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एएमयू में वर्ष 1987 में एकेडमिक स्टाफ ट्रेनिंग सेंटर शुरू किया था, जिसका नाम बाद में ह्यूमन रिसोर्स डेवलेपमेंट सेंटर हो गया। इसके कुछ वर्ष बाद आयोग ने इसका नाम बदलकर मदन मोहन मालवीय टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर कर दिया।