हिंदू शास्त्रों में श्रीहरि विष्णु के मुख्यत: 10 अवतारों के बारे में बताया गया है, जिसमें 9 अवतारों में विष्णु का जन्म हो चुका
दसवें अवतार यानी कल्कि अवतार का जन्म अभी बाकी है, जोकि कलयुग के अंत में होगा.
अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के उद्घाटन के बाद उत्तर प्रदेश के संभल जिल में श्री कल्कि धाम का शिलान्यास हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया. संभल में भगवान कल्कि का अद्भुत मंदिर बनने जा रहा है. भगवान कल्कि को श्रीहरि विष्णु का 10वां और आखिरी अवतार माना जाता है.कई धार्मिक ग्रंथों जैसे कल्कि पुराण (Kalki Puran) और अग्नि पुराण (Agni Purana) आदि के अनुसार कलयुग के अंत में भगवान कल्कि भगवान विष्णु के 10वें अवतार के रूप में अवतरित होंगे और धरती के सभी पाप व पापियों का नाश करेंगे.हिंदू शास्त्रों में श्रीहरि विष्णु के मुख्यत: 10 अवतारों के बारे में बताया गया है, जिसमें 9 अवतारों में विष्णु का जन्म हो चुका है और दसवें अवतार यानी कल्कि अवतार का जन्म अभी बाकी है, जोकि कलयुग के अंत में होगा. अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में भगवान कल्कि का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए सफेद रंग के घोड़े पर सवार रूप में किया गया है. वहीं कल्कि पुराण के अनुसार, भगवान कल्कि का जन्म उत्तर प्रदेश के संभल में एक ब्राह्मण परिवार के घर होगा. इसलिए कल्कि धाम को उत्तर प्रदेश के संभल में बनाया जा रहा है.
कल्कि अवतार से जुड़ी भविष्यवाणियां (Predictions about Kalki Avatar)
महाभारत और कई धार्मिक ग्रंथों के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी ने हजारों वर्ष पहले भविष्यवाणी की थी कि, जैस-जैसे कलयुग का समय बीतता जाएगा धरती पर अत्याचार और पाप बढ़ते जाएंगे. व्यक्ति में संस्कारों का नाश हो जाएगा, कोई गुरुओं के उपदेशों का पालन नहीं करेगा, वेदों को मानने वाला कोई नहीं होगा और अधर्म अपने चरम पर होगा. तब भगवान कल्कि का जन्म होगा.भगवान कल्कि अपने गुरु भगवान परशुराम के निर्देश पर शिवजी की तपस्या करेंगे और इस तरह से उन्हें दिव्यशक्तियां प्राप्त होंगी. कल्कि अवतार में भगवान सफेद रंग के देवदत्त नामक घोड़े पर सवार होकर पापियों का संहार करेंगे. इस तरह से धरती पर फिर से पाप का अंत होगा और धर्म का पताका लहराएगा.पुराणों के अनुसार कल्कि का अवतरण सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नाम के ब्राह्मण परिवार में होगा. भगवान कल्कि के पिता भगवान विष्णु के परम भक्त और वेदों-पुराणों के ज्ञाता होंगे.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कल्कि के जन्म के बाद कलयुग का अंत हो जाएगा और फिर से सतयुग की शुरुआत होगी. फिलहाल कलयुग का प्रथम चरण चल रहा है. कलयुग की अवधि 4 लाख 32 हजार वर्ष बताई जाती है, जिसमें 5126 वर्ष बीत चुका है. यानी कल्कि के अवतरण में अभी 426865 वर्ष बाकी है.अधर्म का नाश, पापियों का संहार और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए भगवान विष्णु के अंतिम और दसवें अवतार भगवान कल्कि का जन्म होगा.