मथुरा में संपत्ति विवाद को लेकर तीन बेटियां शमशान घाट में ही भिड़ गईं.
मृतका का अंतिम संस्कार होने काफी विलंब हो गया. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद महिला का अंतिम संस्कार हो सका.
उत्तर प्रदेश के मथुरा से एक हैरान करने वाला मामला सामना आया है. जिसने भी इस घटना के बारे में सुना वह दंग रह गया. शहर के मसानी स्थित शमशान घाट पर संपत्ति के बंटवारे के पीछे मां की चिता का बेटियों ने 9 घंटे तक अंतिम संस्कार नहीं होने दिया. बेटियों ने जमीन बंटवारे को लेकर शमशान में जमकर बवाल किया है. 80 वर्षीय महिला की मौत के बाद उसकी अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट ले जाया गया और अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पूरी कर दी गई. इसी बीच महिला की तीन बेटियों के बीच जमीनी विवाद शुरू हो गया जिसके चलते वहां मौजूद लोग भी इस विवाद को देखकर दंग रह गए.बताया जाता है कि मृतका महिला का कोई पुत्र नहीं है उसके तीन बेटियां ही बेटियां हैं, मृतका अपनी एक पुत्री के पास रहकर ही अपना जीवन यापन कर रही थी. बताया गया तभी पुत्री ने अपनी मां को बहला- फुसला कर या मां ने अपनी सेवा होते देखकर करीब डेढ़ बीघा खेत बेच दिया था. खेत बेचने पर मिली रकम अपनी इसी बेटी को दे दी थी. जब वृद्ध महिला की मौत हो गई तो उसे अंतिम संस्कार करने के लिए बेटी मिथिलेश के परिजन मसानी स्थित मोक्ष धाम ले गए
शमशान शुरू हुआ विवाद
मां की मौत की सूचना जब उसकी अन्य दो पुत्रीयों को लगी तो वह भी शमशान घाट पहुंच गई और अपनी मां के अंतिम संस्कार में पहुंची तीनों बेटियों में विवाद शुरू हो गया जिसके चलते अंतिम संस्कार में विलंब होना प्रारंभ हो गया. बेटियां संपत्ति के पीछे आपस में लड़ने लगी काफी समय तक हाई वोल्टेज ड्रामा शमशान घाट पर चलता रहा जिसकी जानकारी पुलिस को भी दी गई.
पुलिस ने कराया समझौता
इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उनको समझाने लगी, काफी समझाने के बाद तीनों बहनों में एक लिखित समझौता हुआ जिसमें मृतका की बची हुई संपत्ति को शेष बची दोनों बेटियों के नाम किया गया, इसके बाद मृतका का अंतिम संस्कार हो सका. इस विवाद में मृतक महिला का शव लगभग 9 घंटे तक अंतिम संस्कार का इंतजार करता रहा. अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आए लोग भी इस विवाद से को लेकर तरह-तरह की चर्चा करने लगे थे.