मथुरा रुपये के लालच में दो शातिरों ने मां के पास सो रही नौ माह की बच्ची का अपहरण कर लिया।
बच्ची को बेचने दोनों शातिर बाइक से दिल्ली जा रहे थे,

मथुरा। रुपये के लालच में दो शातिरों ने मां के पास सो रही नौ माह की बच्ची का अपहरण कर लिया। फिर एक नि:संतान महिला को सौंप दिया, लेकिन बच्ची की उम्र ज्यादा होने के कारण उसने लेने से इन्कार कर दिया। फिर एक अन्य महिला को बेचने पहुंचे, लेकिन उसने भी लेने से इनकार कर दिया। ऐसे में बच्ची को बेचने दोनों शातिर बाइक से दिल्ली जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। चार दिन बाद बच्ची मिली तो मां की आंखों से आंसू बह चले।कन्नौज के थाना इंदलगढ़ के गांव अघोस निवासी मोनू रेहड़ी भाड़े पर चलाते हैं। वह पत्नी गौरी और चार बच्चों के साथ जैंत थाना क्षेत्र में अक्षयपात्र के पास सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर रहते हैं। पत्नी गौरी ने बताया कि 26 जून की रात साढ़े 12 बजे नौ माह बच्ची को अपने पास सुलाया था। कुछ देर बाद आंख खुली तो वह गायब थी। उन्होंने जैंत थाने में रिपोर्ट लिखाई। एसएसपी श्लोक कुमार ने एसओजी, जैंत पुलिस के साथ सर्विलांस टीम को लगाया। टीम ने 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले। इसमें पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे। एसएसपी ने बताया कि मंगलवार सुबह 11 बजे छटीकरा फ्लाईओवर से बुलेट बाइक सवार आगरा कैंट थाना सदर बाजार के कीर्ति नगर डिफेंस कालोनी निवासी नरेश और मथुरा के थाना हाईवे के महोली रोड स्थित डिफेंस कॉलोनी वर्तमान पता राजस्थान भरतपुर के सारस चौराहा न्यू पुष्प वाटिका कॉलोनी चांदवारी रोड निवासी विष्णु कुमार उर्फ राजा को गिरफ्तार कर लिया।। इनके पास से अपहृत नौ माह की मासूम को बरामद कर लिया।पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि डीग जिले की रहने वाली एक महिला का आगरा में मायका है। महिला उनकी परिचित है। शादी के आठ वर्ष बाद भी महिला के कोई संतान नहीं हुई। इस पर ससुरालीजन उसे ताने मारने लगे थे। महिला ने अपने मायके में आकर ससुराल में झूठ कह दिया कि वह गर्भवती हो गई है। उसने अपने परिचित से कोई नवजात शिशु गोद दिलाने को कहा था। इस पर विष्णु ने अपने साथी नरेश के साथ मिलकर जैंत थाना क्षेत्र से मासूम का अपहरण कर लिया। बच्ची बड़ी होने के कारण महिला ने उसे लेने से इनकार कर दिया। दूसरी परिचित महिला के पास लेकर पहुंचे बच्ची इसके बाद दोनों दूसरी परिचित महिला के पास मासूम को लेकर गए। उसे बताया कि बच्ची की मां मर गई है। पिता दूसरी शादी करने जा रहा है। बच्ची अनाथ है, वह उसे रख ले। महिला ने मासूम को गोद लेने के लिए कानूनी कार्रवाई के लिए कहा, तब तक बच्ची अपने पास रख ली। इस महिला के दो बेटे हैं, कोई बेटी नहीं है। एक दिन पहले महिला का पति बाहर से लौटा तो उसने बिना कानूनी कार्रवाई के लेने से इनकार कर दिया। इससे दोनों मुकर गए।वह दोनों मंगलवार को बच्ची को लेकर दिल्ली बेचने जा रहे थे। इधर, बुलेट नंबर और सर्विलांस की मदद से पुलिस ने दोनों की घेरेबंदी कर ली और उन्हें पकड़ लिया। एसएसपी ने पुलिस टीम को 25 हजार रुपये नकद व प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की।आरोपितों ने बच्ची का अपहरण करने के बाद महिला को देकर कहा था कि इसके पिता को कुछ रुपयों की जरूरत है। इसलिए वह बच्ची को दे रहे हैं। रुपये मिलने से उनका काम हो जाएगा और महिला की गोद भर जाएगी। बच्ची के बड़ी होने पर महिला को डर था कि अगर वह इसे ससुराल लेकर जाएंगी तो कोई उनका बच्चा नहीं मानेगा।