भारतीय ई-कामर्स कंपनी फ्लिपकार्ट एक बार फिर से फंडिंग जुटाने के लिए प्रयासरत है
इस बार भी अधिकतर फंडिंग इसकी पेरेंट कंपनी वालमार्ट से ही आने की संभावना है

भारतीय ई-कामर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट से तो परिचित होंगे ही। इसे एक बार फिर से फंडिंग मिलने जा रहा है। इसकी पेरेंट कंपनी वालमार्ट ने ही 600 मिलियन डॉलर के निवेश का वादा किया है। इसके अलावा कुछ और इनवेस्टर से बातचीत चल रही है।ई-कामर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट इस समय एक अरब डॉलर जुटाने के लिए प्रयासरत है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि इसकी पेरेंट कंपनी वॉलमार्ट ने भी 600 मिलियन डॉलर के निवेश का वादा किया है। साल 2021 के बाद फंड जुटाने का फ्लिपकार्ट का यह पहला प्रयास होगा। उस समय इसने 37.6 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर 3.6 बिलियन डॉलर हासिल किए थे।
10 फीसदी प्रीमियम की उम्मीद हमारे सहयोगी ईटी ने इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र के हवाले से यह खबर दी है। इस खबर के मुताबिक नए फंडिंग राउंड में फ्लिपकार्ट का वैल्यूएशन लगभग 33 बिलियन डॉलर आंका जा रहा है। इस पर 5 से 10% प्रीमियम मिलने की उम्मीद है। 33 अरब डॉलर का यह वैल्यूएशन दिसंबर 2022 में तब आया था, जबकि फ्लिपकार्ट से फोनपे अलग हुआ था।
वॉलमार्ट और मौजूदा शेयरधारकों के साथ, फ्लिपकार्ट फंडिंग राउंड में शामिल होने के लिए संभावित नए निवेशकों के साथ भी बातचीत कर रहा है। हालांकि, इन निवेशकों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है। विशेष रूप से, फ्लिपकार्ट को पहले से ही सिंगापुर के जीआईसी और जापान के सॉफ्टबैंक का समर्थन प्राप्त है। उल्लेखनीय है कि सिंगापुर में एक रेगुलेटरी फाइलिंग से पता चला है कि वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट में 600 मिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है।एक अरब डॉलर तक की हो सकती है फंडिंगईटी ने एक अंदरूनी सूत्र के हवाले से खबर दी है कि उन नए निवेशकों के साथ इस समय बातचीत चल रही है, जो न्यू फंडिंग राउंड में शामिल होना चाहते हैं। यह 1 बिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है। फ्लिपकार्ट के एक प्रवक्ता ने वॉलमार्ट की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, हालांकि उन्होंने व्यापक फंडिंग चर्चाओं पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।यह फंडिंग राउंड है महत्वपूर्णभारत के स्टार्टअप इको सिस्टम में चुनौतीपूर्ण फंडिंग माहौल को देखते हुए, यह फंडिंग राउंड फ्लिपकार्ट के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। देश ने स्टार्टअप्स के लिए यह विशेष रूप से कठिन रहा है। इस साल सभी स्टार्टअप्स ने मिल कर सात अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई है जो कि बीते सात वर्षों का न्यूनतम स्तर है।