एंड्रॉयड फोन यूज़ करने वाले यूज़र्स के साथ पैसों की धोखाधड़ी काफी आसानी से हो जाती है.
ऑनलाइन या ऐप के माध्यम से लोगों को ठगने का काम करते हैं
एंड्रॉयड फोन यूज़ करने वाले यूज़र्स के साथ पैसों की धोखाधड़ी काफी आसानी से हो जाती है. साइबर क्रिमिनल्स नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करके ऑनलाइन या ऐप के माध्यम से लोगों को ठगने का काम करते हैं. गूगल ने लोगों के साथ होने वाले फ्रॉड से उन्हें बचाने के लिए एक नया प्लान बनाया है.
धोखेबाजों से बचने के लिए गूगल का प्लान
दरअसल, गूगल प्ले स्टोर पर नकली या फर्ज़ी ऐप्स बनाकर साइबर क्रिमिनल्स आम लोगों को ठगने का काम करते हैं. इस वजह से गूगल ने अब एन्हांस्ड फ्रॉड प्रोटेक्शन का ऐलान किया है. गूगल का यह फ्रॉड प्रोटेक्शन एंड्रॉयड यूजर्स को फाइनेंशियल यानी आर्थिक फ्रॉड से बचाएगा. गूगल आने वाले हफ्तों में सिंगापुर की साइबर सुरक्षा एजेंसी (CSA) के साथ साझेदारी में सिंगापुर में यह सुविधा शुरू कर रहा है.
कैसे काम करेगा नया फीचर?
कंपनी के मुताबिक गूगल का यह एन्हांस्ड फ्रॉड प्रोटेक्शन फीचर उन ऐप्स की स्थापना का विश्लेषण करेगी और उन्हें ऑटोमैटिकली ब्लॉक करेगी जो वित्तीय धोखाधड़ी के लिए अक्सर दुरुपयोग की जाने वाली संवेदनशील रनटाइम परमिशन्स का उपयोग कर सकते हैं. रनटाइम परमिशन्स का मतलब है कि जब यूजर्स इंटरनेट-साइडलोडिंग सोर्स (वेब ब्राउज़र, मैसेजिंग ऐप या फाइन मैनेजर्स) से ऐप इंस्टॉल करने की कोशिश करता है.
परमिशन्स की जांच करेगा यह फीचर
गूगल का यह नया फ्रॉड प्रोटेक्शन फीचर रियल टाइम में ऐप द्वारा घोषित की गई परमिशन्स का जांच करेगी, जिनमें वो विशेष रूप से चार रिक्वेस्ट : RECEIVE_SMS, READ_SMS, BIND_Notifications, और एक्सेसिबिलिटी (Accessibility) की जांच करेगी. गूगल ने नोटिस किया है कि इन परमिशन्स का इस्तेमाल अक्सर धोखेबाजों द्वारा ओटीपी, एसएमएस या नोटिफिकेशन्स या स्क्रीन पर आने वाले कंटेंट की जासूसी करने के लिए भी किया जाता है. गूगल के अनुसार, साइडलोडिंग सोर्स के जरिए ऐप्स को डाउनलोड करने वाले यूजर्स से फ्रॉड मालवेयर वाले 95% से ज्यादा धोखेबाज इन्हीं परमिशन्स का अनुरोध करते हैं.