धार्मिक

2 जून 2024 तक रहेगा. ज्योतिष के अनुसार 25 मई को सुबह 03 बजकर 16 मिनट पर सूर्य देव चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करेंगे.

2 जून को मृगशिरा नक्षत्र में जाएंगे. ऐसे में जब तक सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे लोगों को प्रचंड गर्मी का अहसास होगा.

धार्मिक और ज्योतिष मान्यता के अनुसार सूर्य देव (Surya Dev) जितने दिनों तक रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में रहते हैं, उतने दिन धरती पर भीषण व प्रचंड गर्मी पड़ती है. क्योंकि सूर्य देव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही चंद्रमा का प्रभाव कम हो जाता है, जोकि शीतलता के कारक माने जाते हैं.वैसे तो नौतपा (Nautapa) के 9 दिनों में प्रचंड गर्मी (Heat Wave) पड़ती है. लेकिन हिंदू धर्म में नौतपा का विशेष महत्व होता है. इस वर्ष नौतपा की शुरुआत 25 मई से हो रही है जोकि 2 जून 2024 तक रहेगा. ज्योतिष के अनुसार 25 मई को सुबह 03 बजकर 16 मिनट पर सूर्य देव चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करेंगे. इसके बाद 2 जून को मृगशिरा नक्षत्र में जाएंगे. ऐसे में जब तक सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे लोगों को प्रचंड गर्मी का अहसास होगा. बता दें कि नौतपा ग्रीष्म ऋतु की सबसे अधिक गर्मी वाला दिन होता है.बढ़ती गर्मी मनुष्यों के लिए तो असहनीय हो ही जाती है. इसी के साथ प्रकृति पर भी प्रचंड गर्मी का प्रभाव पड़ता है. इसलिए शास्त्रों में इस दौरान पेड़-पौधे लगाने और इसकी सिंचाई करने के महत्व के बारे में बताया गया है. इस समय वृक्षारोपण करने से बहुत पुण्य मिलता है. वहीं जीवनकाल में पेड़-पौधे लगाने से मरने के बाद नरक का मुख भी नहीं देखना पड़ता है. आइये जानते हैं नौतपा में आपको कौन से पड़े-पौधे लगाने चाहिए और इसके क्या लाभ है.

  • तुलसी (Tulsi)तुलसी का पौधा हर हिंदू घर पर जरूर होता है. मान्यता है कि जिस घर पर तुलसी का पौधा होता है और नियमित रूप से इसकी पूजा की जाती है, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है. धार्मिक मान्यता है कि जीवनकाल में हर व्यक्ति को तुलसी का पौधा जरूर लगाना है. इससे मरणोपरांत बैकुंछ की प्राप्ति होती है.
  • केला (Banana)- केले के पौधा भगवान विष्णु और देव बृहस्पति को प्रिय है. इस समय आप केले का पौधा भी लगा सकते हैं. इससे आर्थिक लाभ होगा.
  • आंवला (Amla)- मान्यता है कि आंवले के जड़ में भगवान विष्णु का निवास है. इसलिए आंवला भी जरूर लगाएं. इससे भगवान विष्णु के साथ ही लक्ष्मी जी की भी कृपा बरसती है.
  • आम (Mango)- आम का पेड़ लगाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है. साथ ही इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
  • करी पत्ता (Curry Leaves)- इसे मीठा नीम भी कहा जाता है. इन दिनों करी पत्ते का पौधा भी लगाना शुभ माना जाता है. क्योंकि इसकी पत्तियों में औषधीय गुण पाए जाते हैं. अगर आप घर पर नीम का पौधा नहीं लगाते तो इसे जरूर लगाएं.

पुराणों से लेकर स्मृतियों में भी वृक्षारोपण के पुण्यफल के बारे में बताया गया है. नौतपा के समय में पेड़-पौधे लगाकर इसकी सिंचाई भी करें. इस समय पेड़-पौधे लगाना इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि नौतपा के बाद बारिश का मौसम शुरू हो जाता है और इससे पेड़-पौधों को अच्छी बारिश मिलती है, जिससे वे फलते-फूलते हैं. वहीं शास्त्रों में तो वृक्षारोपण को संतानोत्पत्ति के समान माना गया है.

वृक्षारोपण का महत्व पुराणों के अनुसार

  • मनु स्मृति (Manusmriti) में कहा गया है कि, पेड़-पौधे लगाने से यज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है.
  • पद्म पुराण (Padma Purana) में बताया गया है कि, यदि की दंपति को संतान नहीं है तो उन्हें पेड़ लगाना चाहिए. क्योंकि पेड़ भी संतान के समान होते हैं.
  • वराह पुराण (Varaha Purana) के मुताबिक, एक पीपल, एक नीम, एक बरगद, दो अनार, दो नारंगी, पांच आम और दस फूलों वाले पौधे लगाने से नरक से मुक्ति मिलती है.
  • विष्णुधर्मोत्तर पुराण (Vishnudharmottara Purana) में बताया गया है कि, वृक्षारोपण से अश्वमेध यज्ञ की तरह की पुण्य फल मिलता है.

JNS News 24

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