आलू की फसल में पिछेता झुलसा बीमारी के निकट भविष्य में आने की संभावना
आलू उत्पादक वैज्ञानिक सलाह अपनाएं
अलीगढ़ मौसम की अनुकूलता के आधार पर आलू की फसल में पिछेता झुलसा बीमारी के निकट भविष्य मे आने की संभावना है।उक्त जानकारी देते हुए अध्यक्ष, केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केन्द्र मोदीपुरम मेरठ द्वारा अवगत कराया है कि समस्त आलू उत्पादक किसान मैन्कोजेब, प्रोपीनेब, क्लोरोथेलोंनील युक्त फफूंद नाशक दवा का रोग सुग्राही किस्मों पर 0.2 से 0.25 प्रतिशत अर्थात 2.0-2.5 किलोग्राम दवा 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से तुरंत छिडकाव करें। जिन खेतों में बीमारी प्रकट हो चुकी है
उनमें फफूंद नाशक साइझोक्सेगिल $ मैन्कोजेब का 3.0 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (1000 लीटर पानी में घोलकर) की दर से अथवा डाईमैथोमार्फ 1.0 किलोग्राम $ मैन्कोजेब 2.0 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर 1000 लीटर पानी में घोल तैयार कर फसल पर छिडकाव करें। फफूंद नाशक का छिड़काव 10 दिन के अंतराल पर दोहराया जा सकता है।