सीतापुर

लोक भारती संस्था की ओर से 84 कोसी परिक्रमा के हर कोस पर हरिशंकरी लगाए जाने का निर्णय

लोक भारती ने नैमिषारण्य के साथ ही प्रदेश के तीर्थ परिक्रमा पथों पर प्रत्येक कोस पर हरिशंकरी (पीपल, बरगद और पकरिया का पौधा) लगाने का संकल्प लिया है।

सीतापुर। लोक भारती संस्था की ओर से 84 कोसी परिक्रमा के हर कोस पर हरिशंकरी लगाए जाने का निर्णय लिया है। इसके तहत पहले चरण में स्थल चयन की कार्रवाई की गई है। दूसरे चरण में कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे हरिशंकरी माला अभियान नाम दिया गया है। क्षेत्र के प्रमुख लोगों और संत महात्माओं से विचार विमर्श कर कार्य योजना बनाई गई है। जिससे परिक्रमा मार्ग को सुंदर बनाया जा सके। साथ ही विलुप्त हो रहे तीर्थों के उत्थान के लिए भी प्रक्रिया चल रही है।सीतापुर। लोक भारती संस्था की ओर से 84 कोसी परिक्रमा के हर कोस पर हरिशंकरी लगाए जाने का निर्णय लिया है। इसके तहत पहले चरण में स्थल चयन की कार्रवाई की गई है। दूसरे चरण में कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे हरिशंकरी माला अभियान नाम दिया गया है। क्षेत्र के प्रमुख लोगों और संत महात्माओं से विचार विमर्श कर कार्य योजना बनाई गई है। जिससे परिक्रमा मार्ग को सुंदर बनाया जा सके। साथ ही विलुप्त हो रहे तीर्थों के उत्थान के लिए भी प्रक्रिया चल रही है।

लोक भारती ने नैमिषारण्य के साथ ही प्रदेश के तीर्थ परिक्रमा पथों पर प्रत्येक कोस पर हरिशंकरी (पीपल, बरगद और पकरिया का पौधा) लगाने का संकल्प लिया है। इस याोजना को हरिशंकरी माला अभियान का नाम दिया गया है। बीते दिनों नैमिषारण्य परिक्रमा पथ का सर्वेक्षण किया जा चुका है। इसके तहत 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के हर कोस पर हरिशंकरी लगाने के स्थल चयन के साथ ही उसका नक्शा बनाया गया है।यहां चबूतरा बनाकर हरिशंकरी लगाए जाएंगे। इसके लिए सुरक्षा घेरा भी बनाया जाएगा। अगले चरण की कार्रवाई के लिए गिर गोशाला में लोक भारती की बैठक वैद्य बाल शास्त्री की मौजूदगी में आयोजित की गई। इसमें क्षेत्र के वरिष्ठ जानकारों ने भी प्रतिभाग किया। जिनकी ओर से 84 कोसी परिक्रमा के जो तीर्थ विलुप्त हो गए हैं, उनका उत्थान कैसे किया जाए, इस पर चर्चा की।

प्रत्येक कोस पर लगने वाले हरिशंकरी की कार्य योजना बनाई। जिससे नैमिषारण्य का जो अरण्य स्वरूप है वह पुर्नस्थापित हो सके। इस पर चर्चा हुई और कार्ययोजना बनी। कहा गया कि जब समाज जागृत चेतना के साथ खड़ा होता है तभी परिवर्तन आते हैं। बैठक में जिला संयोजक कमलेश सिंह, किशन तिवारी, देशराज सिंह आदि मौजूद रहे।चारों तीर्थाें में चलेगा अभियानप्रदेश के चारों तीर्थों अयोध्या, चित्रकूट, ब्रज और नैमिषारण्य के 84 कोसी परिक्रमा पथ पर प्रत्येक कोस पर हरिशंकरी रोपण होगा। प्रत्येक परिक्रमा पथ पर 84- 84 हरिशंकरी का रोपण किया जाएगा। इसकी तैयारी की जा रही हैं। इसके अलावा लोकभारती द्वारा रोपण और सुरक्षा के लिए टोली निर्माण, दस कोस पर पड़ाव व्यवस्था, 84 व्यवस्था टोलियों का निर्माण, 84 कोसी यात्रा के गौरव भाव को जागृत करने वाली टोली, स्वागत टोली व अन्य व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हरीशंकरी रोपण के स्थल पर परिक्रमा पथ की विशेषताओं, नैमिषारण्य चौरासी कोसी परिक्रमा पथ के सभी तीर्थों की आवश्यक जानकारी, महर्षि दधीचि का अस्थि दान, वेदव्यास सहित अट्ठासी हजार ऋषियों की जानकारी अंकित की जाएगी।
हाथ से तैयार किया परिक्रमा पथ का नक्शा
लोकभारती के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने लोगों से बातचीत कर कोस पड़ाव स्थलों का नक्शा तैयार किया। इसे नैमिषारण्य 84 कोसी परिक्रमा पथ कोस पड़ाव व दिन पड़ाव के अनुरूप तैयार किया गया है। यह नक्शा हाथ से ही तैयार किया गया है। इसी अनुसार परिक्रमा चलेगी।
बृजेंद्र पाल सिंह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, लोक भारती

JNS News 24

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