लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आचार संहिता लग गई
पूरे देश में सात चरणों में चुनाव प्रक्रिया कराई जाएगी. वहीं यूपी में भी सात चरणों में चुनाव संपन्न होंगे.
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आचार संहिता लग गई है. पूरे देश में सात चरणों में चुनाव प्रक्रिया कराई जाएगी. वहीं यूपी में भी सात चरणों में चुनाव संपन्न होंगे. जिसको लेकर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शनिवार को सूची जारी कर दी गई है. इस बार का यूपी में लोकसभा चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीट मिलती है इसका पता तो 4 जून को ही लगेगा. इस बार का चुनाव अयोध्या के लिए खास माना जा रहा है. क्योंकि यहां राम मंदिर के निर्माण से बीजेपी की राह आसान हो गयी है. बीजेपी 2024 का चुनाव राम मंदिर के नाम पर लड़ना चाहती है. ऐसे में उसे फैजाबाद लोकसभा सीट से जीतने में कोई दिक्कत नहीं होगी. बीजेपी ने यहां से अपना उम्मीदवार अजय कुमार लल्लू को बनाया है. वहीं इंडिया अलायंस ने यहां से अवधेश प्रसाद को उतारा है.
राम मंदिर से होगा बीजेपी को फायदा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से बीजेपी को कई राज्यों में इसका फायदा मिलेगा ही, वहीं फैजाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी को इसका सीधा लाभ मिलने वाला है. क्योंकि बीजेपी ने अपनी पिछली बार चुनावी घोषणा में राम मंदिर का जिक्र किया था. इसलिए बीजेपी इस बार के चुनाव में इस बात को जरूर लाएगी. बीजेपी ने लल्लू सिंह को तीसरी बार टिकट दिया है. जिन्होंने पिछले चुनाव में सपा प्रत्याशी को 65,477 वोट के अंतर से हराया था. अगर इस बार लोकसभा चुनाव जीतते है तो लल्लू हैट्रिक लगा सकते है.एक ओर बीजेपी ने दो बार के सांसद लल्लू प्रसाद को टिकट दिया है तो वहीं सपा ने वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद को फैजाबाद लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. अवधेश अभी मिल्कीपुर विधानसभा सीट से विधायक है. सात बार लगातार विधायक रहे अवधेश प्रसाद पर सपा ने भरोसा जताया है. अवधेश प्रसाद को पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी लोगों में से एक माना जाता था.
क्या है रामनगरी का इतिहास रामनगरी अयोध्या के मतदाताओं का मन बड़े-बड़े नेता नहीं आज तक आंक पाए है. 1963 में पहली बार राज्य को महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी मिली थी. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर फैजाबाद संसदीय सीट से वर्ष 1971 में लोकसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें यहां से हार का सामना करना पड़ा था. सुचेता कृपलानी को 40 हजार 732 मत मिले थे. जबिक आरके सिन्हा को एक लाख 18 हजार 422 वोट प्राप्त हुआ था. इस बार यह देखना होगा कि राम मंदिर का फैजाबाद लोकसभा सीट पर कितना प्रभाव पड़ेगा.