उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और चार जून को चुनाव परिणाम भी आ चुके है.
सदन में अखिलेश यादव और डिंपल यादव के रूप में पति-पत्नी की इकलौती जोड़ी सभी का ध्यान खींचेगी. अखिलेश यादव ने अपनी परंपरागत सीट कन्नौज से जीत दर्ज की
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और चार जून को चुनाव परिणाम भी आ चुके है. यूपी लोकसभा चुनाव में दो सीटें चर्चाओं में रही हैं. एक कन्नौज और दूसरी मैनपुरी सीट चर्चाओं में रही है. कन्नौज सीट से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे थे तो वहीं मैनपुरी सीट से अखिलेश यादव की पत्नी चुनाव लड़ीं थी. चुनावी दंगल में तो पति-पत्नी के आमने-सामने की लड़ाई के कई उदाहरण हैं, लेकिन अलग-अलग सीट से एक साथ जीतकर लोकसभा तक पहुंचने की नजीर कम ही मिलती है.इस बार सदन में अखिलेश यादव और डिंपल यादव के रूप में पति-पत्नी की इकलौती जोड़ी सभी का ध्यान खींचेगी. अखिलेश यादव ने अपनी परंपरागत सीट कन्नौज से जीत दर्ज की है जबकि उनकी पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी सीट से जीत दर्ज की हैं. सपा के सांसदों में डिंपल यादव सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती हैं. तो वहीं अखिलेश यादव की जीत का अंतर पार्टी में दूसरे नंबर पर रहा है. मैनपुरी से डिंपल यादव ने 2,21,639 वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज की. इधर अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से 1,70,922 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. यह भी एक अलग तरह का रिकॉर्ड है. लोकसभा की कार्यवाही के दौरान जब दोनों सदन में मौजूद रहेंगे तो सभी की निगाहें उन पर रहेंगी.
पिछली बार भी सदन में थे एक साथ
पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों सदस्य रहे, लेकिन साथ निर्वाचित नहीं हुए थे. अखिलेश यादव और डिंपल यादव 2019 में भी साथ-साथ लड़े थे. अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़कर जीते, जबकि डिंपल कन्नौज से नहीं जीत सकी थीं. हालांकि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट खाली हुई तो डिंपल वहां से उप चुनाव जीतकर सदन में पहुंचीं. इसके पहले ही अखिलेश मैनपुरी की ही करहल सीट से विधायक निर्वाचित हो गए थे. नतीजों के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाने के लिए उन्होंने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के करीब 10 महीने बाद डिंपल उप चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचीं. इस तरह 17वीं लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होकर भी साथ में सदस्य नहीं रहें थे.