जनवरी के महीने में असम का प्रमुख त्योहार माघ बिहू मनाया जाता है, ये फसल से जुड़ा पर्व है
माघ बिहू को भोगाली बिहू भी कहते हैं. साल 2024 में माघ बिहू कब मनाया जाएगा,
साल में 3 बार बिहू फेस्टिवल मनाया जाता है. बिहू पूर्वोत्तर राज्य का प्रमुख त्योहार है, विशेषकर असम में इसकी खास रौनक होती है. असम में इस दिन के साथ ही फसल की कटाई और शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो जाती है.भोगाली बिहू(माघ बिहू) जनवरी महीने के मध्य में मनाया जाता है. माघ बिहू पर्व अग्नि देव को समर्पित है. फसल से जुड़ा ये त्योहार भारत के अन्य राज्यों में मकर संक्रांति के तौर पर मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस साल माघ बिहू 2024 की डेट, महत्व.16 जनवरी 2024 साल का पहला यानी माघ बिहू (भोगाली बिहू) मनाया जाएगा, ये त्योहार सप्ताहभर मनाया जाता है. उत्सव में पारंपरिक असमिया खेल जैसे टेकेली भोंगा (पॉट-ब्रेकिंग) और भैंस लड़ाई भी शामिल होती है. पहले यह त्योहार पूरे माघ महीने तक मनाया जाता था इसलिए इसे माघ बिहू के नाम से जना जाता था.बिहू असम में फसल कटाई का प्रमुख त्योहार है. ये फसल पकने की खुशी में मनाया जाता है. बिहू शब्द दिमासा लोगों की भाषा से है. बिहू के पहले बिशू कहा जाता था.‘बि’ मतलब पूछना और ‘शु’ अर्था पृथ्वी में ‘शांति और समृद्धि. बिहू अर्थ पूछना और देना. इसे भोगाली बिहू इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें कई पारंपरिक तरह के भोग(पकवान) बनाए जाते हैं.
कैसे मनाया जाता है माघ बिहू : माघ बिहू के दिन लोग बांस और घास-फूस का घर (झोपड़ी) तैयार करते हैं, जिसे मेजी या भेलघर कहा जाता है. रात में लोग अलाव के आसपास इकट्ठा होकर कई तरह के पकवान बनाते हैं जिसे ‘उरुका’ कहते हैं. इस दौरान पूरे हफ्ते तरह-तरह के ट्रेडिशनल पकवान बनाकर खाए और खिलाए जाने की परंपरा है. तिल, नारियल, चावल, दूध का इस्तेमाल कर पीठा, मच्छ पीतिका, बेनगेना खार और कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं.
साल में 3 बार मनाया जाता है बिहू पर्व : भोगाली बिहू या माघ बिहू के बाद बिहू का पर्व अप्रैल के मध्य में आता है, जो रोंगाली बिहू के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा तीसरी बार ये पर्व अक्टूबर में आता है, जो काती बिहू (कोंगाली बिहू) के नाम से भी प्रचलित है.