शिक्षा, स्वास्थ्य, दानशीलता एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राए में महाराजाधिराज सर पं. कामेश्वर सिंहजी का वडा योगदान रहा
मैथिल ब्राहमण महासभा ने मिथिला के गौरव और दरभंगा राज के अंतिम शासक महाराजाधिराज सर डॉ कामेश्वर सिंह की 118 वीं जयंती मनाई

शिक्षा, स्वास्थ्य, दानशीलता एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राए में महाराजाधिराज सर पं. कामेश्वर सिंहजी का वडा योगदान रहा
समाज सेवा केवल कर्तव्य नहीं बल्कि मानवता का सर्वोच्च धर्म मैथिल ब्राहमण महासभा ने मिथिला के गौरव और दरभंगा राज के अंतिम शासक महाराजाधिराज सर डॉ कामेश्वर सिंह की 118 वीं जयंती सनराइज पब्लिक स्कूल सूर्य विहार रावणटीला अलीगढ़ में श्रद्धा और भव्येता के साथ गुनाई गई। इस अवसर पर पं० नरेश आचार्य, पं मुनीश आचार्य ने हवन किया किया।

भावभीनी श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के अध्यक्ष वीरेन्द्र शर्मा भय्याजी मुख्य अतिथि पं० हरिमोहन झा अवर सचिव भारत सरकार, उज्जवल कुमार झा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय अवर सचिव अरुण कुमार झा आयकर सलाहकार, प्रख्यात कवि अशोक अंजुम पं० आलीक झा पंजीकार मधुवनी डॉ. उपेन्द्र झा कवि। , विजय प्रकाश वत्स, प्रदीप शर्मा राम प्रकाश शर्मा, डा. वीरेन्द्र शर्मा ने महाराजाधिराज के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर किया।मंच से महाराजाधिराज के तित्व और व्यक्तित्व को याद करते कर हुए उन्हें श्रद्धा सुमन इस अवसर पर समाज के मेधावी छात्र/छात्रा, उद्योगपति, कवि, अर्पित किया।
पत्रकार, प्रमुख समाजसेवियों को सम्मानित किया गया। पं. हरिमोहन झा, उज्जवल कुमार झा, के. एस शर्मा ने कहा कि समाज सेवा केव केवल कर्तव्य ये नहीं, नहीं, बाल्के मानवता का सर्वोच्च धर्म है। दूसरों की मदद करके ही हम एक सशक्त,संवेदनशील राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। झालोक मिश्रा, भानुप्रकाश शांडिल्य, अशोक अंजुम उपेन्द्र झा ने उनके जन्मदिन पर उनके द्वारा किये गये कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाराजाधिराज का शिक्षा के क्षेत्र में अनुलनौय योगदान रहा उन्होंने दरभंगा मेडिकल कालेज वनारस हिन्दू विश्व विद्यालय, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविधाय दरभंगा संग्रहालय सहित कई प्रमुख शिक्षण संस्थानों को बड़ी मात्रा में दान दिया और उनकी स्थापना में सहयोग किया। विमल कुमार पाठक, उमेश शर्मा, भूदत्त शर्मा, राजाबाव शमा, सेवाराम शर्मा ने कहा उन्हें उनकी अपार दानशीलता के लिए याद किया जाता है। उन्होने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वायुगेना को लडाकू लडाकू विमान विमान जीप सेना की तीय तक दान किए थे। प्रदीप शर्मा, डा. वीरेन्द्र शर्मा, रामप्रकाश शर्मा ने कहा, उद्योग जगत में भी बड़ा काम किया उन्होने चीनीमिल, जूट मिलो, दरभंगा एविएशन जैसी एयरलाइंस सहित 14 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को नियंत्रित किया जिससे बड़े पैमाने
पर रोजगार उत्पन्न हुआ । वीरेन्द्र शर्मा भय्या जी, विजय प्रकाश वत्सरो, ने बताया कि महाराजाधिराज संविधान सभा बाहेक सदस्य दो बार राज्य सभा के सदस्य रहे, मैथिल ‘मह महासभा के अध्यक्ष, हिन्दू महासभा के अध्यक्ष रहे स्वतंत्रा संग्राम मे उनका योगदान भी अविस्मरणीय व अद्वितीय रहा । उनको भारत सरकार भारत रत्न से सम्मानित



