महाराष्ट्र के कॉलेजों ने बैचलर इन एडमिनिस्ट्रेशन, बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन समेत इन कोर्सेज के लिए राज्य सरकार से मांग
टीओआई कि रिपोर्ट के मुताबिक अगर स्टेट इस प्रपोजल को मान लेता है तो इन कोर्सेज के नाम बदल जाएंगे
महाराष्ट्र के कॉलेजों ने बैचलर इन एडमिनिस्ट्रेशन, बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन समेत इन कोर्सेज के लिए राज्य सरकार से मांग उठायी है. इनकी डिमांड है कि इन कोर्सेस को ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के दायरे से बाहर रखा जाए. इस मांग के पीछे कॉलेजों का तर्क ये है कि ऐसा न होने पर कॉलेजों पर बोझ बढ़ेगा और उन्हें दोगुनी फैकल्टी हायर करनी पड़ेगी. इसके साथ ही उन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ज्यादा इनवेस्ट करना होगा.
ऐसा होने पर बदलेगा नाम टीओआई कि रिपोर्ट के मुताबिक अगर स्टेट इस प्रपोजल को मान लेता है तो इन कोर्सेज के नाम बदल जाएंगे. ऐसा होने पर बीबीए, बी.कॉम (बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) हो जाएगा. बीएमएस को बी.कॉम (मैनेजमेंट स्टडीज) का नाम दिया जाएगा और बीसीए को बीएससी (कंप्यूटर एप्लीकेशन) के नाम से जाना जाएगा. इसके बाद ये प्रोग्राम जिन यूनिवर्सिटीज के अंतर्गत चल रहे हैं, वैसे ही चलेंगे.
क्या कहना है कॉलेज के प्रधानाचार्यों का
इस फैसले का प्रपोजल एआईसीटीई चेयरमैन ने नवंबर 2023 में दिया था और दिसंबर में ये लागू हो गया था. कॉलेज के प्रिंसिपल्स इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि हमने इस बारे में मुंबई यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को पत्र लिखा है और बताया है कि एआईसीटीई के नॉर्म्स के अंतर्गत ये कोर्स चलाने में हमें दिक्कत हो रही है.
दरअसल ऑल इंडिया टेक्निकल एजुकेशन के नियमों के तहत कोर्स रन करने के लिए कॉलेजों को अपने इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर फैकल्टी तक में बहुत से बदलाव करने होंगे. इससे खर्च भी बढ़ेगा और फैकल्टी की संख्या भी कम पड़ेगी.
यूजीसी चेयरमैन का क्या कहना है
इस बारे में यूजीसी चेयरमैन ने कॉलेज प्रिंसिपल्स की बात सुन ली है और उन्होंने सलाह दी है कि बीकॉम की जगह इस प्रोग्राम को बीएस यानी बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन नाम दिया जाए. बैचलर ऑफ साइंस डिग्रियां इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त होती हैं और इन्हें करने के बाद स्टूडेंट्स को मास्टर्स करने में कोई समस्या नहीं होती. कुछ ही दिनों में साफ होगा कि सरकार इस बारे में क्या फैसला लेती है.