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मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को है.

गुड़-तिल-खिचड़ी खाने और दान का क्या है महत्व ?

15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पूरे भारत में धूमधाम से मनाई जाएगी. ये पर्व फसल और सूर्य-शनि से जुड़ा है. मकर संक्रांति के दिन तिल संबंधी कुछ काम करके सोए हुए भाग्य को भी जगा सकते हैं. इसे तिल संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहते हैं, क्योंकि इसके बाद से सूर्य उत्तर दिशा में गमन करते हैं.इस दिन तिल के अलावा गुड़, खिचड़ी खाने और दान का भी महत्व है. मान्यता है कि इन तीनों चीजों के बिना मकर संक्रांति का त्योहार अधूरा है. आइए जानते हैं मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, खिचड़ी के सेवन-दान का महत्व.

मकर संक्रांति पर खिचड़ी का महत्व (Makar Sankranti Khichadi Significance)

मकर संक्रांति पर खिचड़ी के उपयोग से नवग्रह की कृपा प्राप्त होती है साथ ही आरोग्य का वरदान मिलता है. शास्त्रों में बताया है कि खिचड़ी में मिलाए जाने वाले पदार्थ नवग्रहों से जुड़े होते हैं.

घी – खिचड़ी घी के बिना अधूरी मानी जाती है. घी से सूर्य का संबंध है. इससे सूर्य की कृपा प्राप्त होती है.

हल्दी – हल्दी बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करती है.

  • काली दाल – खिचड़ी में डाली जाने वाली काली दाल के सेवन से शनि, राहु-केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं.
  • मूंग दाल – कई लोग मकर संक्रांति पर मूंग दाल, हरि सब्जियों और चावल के मिश्रण से खिचड़ी बनाते हैं. मूंग दाल और हरि सब्जियां बुध से संबंधित है.
  • गुड़ – खिचड़ी के साथ खाए जाने वाला गुड़ मंगल और सूर्य का प्रतीक माना जाता है.

मकर संक्रांति पर गुड़-तिल का महत्व (Makar Sankranti Gud Til Significance)

मकर संक्रांति पर विशेषकर काली तिल और गुड़ या उससे बनी चीजों का दान शनि देव और सूर्य देव का आर्शीवाद दिलाता है. काली तिल का संबंध शनि से है और गुड़ सूर्य का प्रतीक है. मकर संक्रांति पर सूर्य देव अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं, इसलिए इस दिन गुड़ का सेवन और दान करने से मान सम्मान में वृद्धि होती है, सूर्य की कृपा से करियर में लाभ मिलता है.गुड़ और तिल की तासीर गर्म होती है.दोनों ही चीजें सर्दी के प्रभाव से बचाने में फायदेमंद मानी जाती हैं. इसे खाने से शरीर को गर्माहट मिलती है.

JNS News 24

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