सऊदी अरब में 29 वर्षीय एक फिटनेस ट्रेनर और महिला अधिकार कार्यकर्ता मनाहेल अल-ओताबी को अनुचित कपड़े पहनने के आरोप में 11 साल जेल की सजा सुनाई है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सऊदी अरब से इस ट्रेनर को रिहा करने का आह्वान किया है
सऊदी अरब में 29 वर्षीय एक फिटनेस ट्रेनर और महिला अधिकार कार्यकर्ता मनाहेल अल-ओताबीको अनुचित कपड़े पहनने के आरोप में 11 साल जेल की सजा सुनाई है. हालांकि इसे लेकर अब विरोध के सुर उठने लगे हैं और फिटनेस ट्रेनर की रिहाई की मांग की जा रही है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सऊदी अरब से इस ट्रेनर को रिहा करने का आह्वान किया है.एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि उसे अपनी पसंद के कपड़ों और राज्य की पुरुष संरक्षकता प्रणाली को समाप्त करने का आग्रह करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के लिए यह सजा सुनाई गई है. लंदन स्थित एमनेस्टी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि मनाहेल अल-ओताबी को जनवरी में सजा सुनाई गई थी और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुरोध पर सऊदी अरब के औपचारिक जवाब में उसके मामले का विवरण सामने आया था.
सऊदी अरब ने कहा- कपड़ों के लिए नहीं मिली सजा वहीं, सऊदी अरब ने संयुक्त राष्ट्र अधिकार कार्यालय को दिए अपने औपचारिक जवाब में इस बात से इनकार किया कि अल-ओताबी को सोशल मीडिया पोस्ट के लिए सजा सुनाई गई थी. सऊदी अरब ने अपने जवाब में कहा है कि उसे “आतंकवादी अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसका उसकी राय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या उसके सोशल मीडिया पोस्ट पर कोई असर नहीं है.”
अल-ओताबी की बहन को भी करना पड़ा था ऐसे आरोपों का सामना दूसरी तरफ अल-ओताबी की रिहाई की मांग कर रहे एमनेस्टी ने कहा कि अल-ओताबी की बहन फौजिया को भी इसी तरह के आरोपों का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2022 में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद वह सऊदी अरब भाग गई. सऊदी अरब में एमनेस्टी के प्रचारक बिसन फकीह ने कहा, “इस वाक्य के साथ सऊदी अधिकारियों ने हाल के वर्षों में अपने बहुप्रचारित महिला अधिकार सुधारों के खोखलेपन को उजागर किया है और शांतिपूर्ण असंतोष को शांत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है.”
अभी सिर्फ विदेशी महिलाओं को ही है ड्रेस कोड में छूटबता दें कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 2017 में व्यापक सामाजिक और आर्थिक सुधारों का वादा करके सत्ता में आए और उन्होंने इस दिशा में कुछ फैसले भी लिए. इसी कड़ी में अब सऊदी महिलाएं कार चलाने, पासपोर्ट प्राप्त करने और अकेले यात्रा करने, जन्म-मृत्यु का पंजीकरण कराने और तलाक लेने में सक्षम हो गई हैं, लेकिन अब भी कई मामलों में उन पर काफी बंदिशें हैं. सऊदी अरब ने 2019 में विदेशी महिलाओं के लिए ड्रेस कोड में ढील दी थी, लेकिन अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि सऊदी महिलाओं को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है.