मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजना पर मंडल स्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
मंडलायुक्त ने सभी सीडीओ को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित

अलीगढ़ आयुक्त अलीगढ़ मंडल, अलीगढ़ रविन्द्र की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में निराश्रित बच्चों एवं महिलाओं के संरक्षण एवं पुनर्वास की प्राथमिकता पर विस्तार से चर्चा की गई। मंडलायुक्त ने सभी सीडीओ को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश दिए।कमिश्नर रविन्द्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। वर्कशॉप में मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति योजनाओं पर आधारित दो लघु फिल्म भी दिखाई र्गइं। कार्यशाला में विभिन्न सत्रों का आयोजन कर प्रश्नोत्तरी एवं समूह चर्चा भी की गई। जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने मण्डलायुक्त एवं मंचासीन अतिथियों को नारी शक्ति का परिचायक तुलसी का पौधा एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
मण्डलायुक्त ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि मिशन शक्ति एवं मिशन वात्सल्य मुख्य रूप से बालक-बालिकाओं और महिलाओं के लिए केंद्र व राज्य सरकार की एक अंब्रेला योजना है। इस योजना में सभी हित धारकों को सुरक्षित व संरक्षित रखते हुए अपने पैरों पर खड़े होकर उनका स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण करना है। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति पर कई विभागों द्वारा सराहनीय कार्य किए गए हैं। जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। सार्थक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। परंतु अभी भी कस्बाई एवं देहाती क्षेत्रों में काफी कार्य करने की गुंजाइश है। उन्होंने महिलाओं एवं बच्चों को संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों की बात करते हुए कहा कि वर्तमान समय में भी निराश्रित महिलाओं एवं बच्चों को विशेष सुविधाएं दिये जाने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा कुपोषण को दूर करने, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पुनर्वास के संबंध में प्रभावी कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि टीम भावना के साथ कार्य करते हुए जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।अपर आयुक्त कंचन शरण ने कहा कि मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति क्रमशः बच्चों एवं महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए संचालित किए गए हैं। कोरोना कालखंड में या फिर किसी दुर्घटना में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है, सरकार द्वारा उनकी हर तरीके से सामाजिक एवं शैक्षिक देखभाल एवं पालन पोषण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मातृ वंदना योजना एवं निराश्रित महिला पेंशन योजना के माध्यम से विकास की बाट जोह रहे अंतिम कतार में खड़े पात्र लाभार्थी तक योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है।जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने कार्यशाला के उद््देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाओं, बालक-बालिकाओं को सुरक्षित, शक्तिशाली, आत्मविश्वासी, सक्षम बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। शहरों से लेकर कस्बाई एवं देहाती क्षेत्रों में भी यौन अपराध, घरेलू हिंसा, उत्पीड़न, मारपीट, लिंग भेद, लैंगिक अपराध, साइबर क्राइम पर जन जागरूकता कार्यक्रम संचालित कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है।नीरज मिश्रा राज्य सलाहकार महिला एवं बाल विकास विभाग ने कहा कि यह दोनों मिशन मा0 मुख्यमंत्री जी के महत्वाकांक्षी अभियान हैं। उनका मानना है कि हर बच्चा विशेष होता है और उनकी जरूरतें भी अलग-अलग होती हैं। मिशन वात्सल्य बाल संरक्षण के लिए व्यापक योजना है। उन्होंने बताया कि निराश्रित बच्चों की देखभाल के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में दिये जा रहे मानदेय को दोगुना कर दिया गया है। सैय्यद इमरान मुताली मण्डलीय सलाहकार यूनीसेफ ने महिला संरक्षण महिला संरक्षण विषय पर बात करते हुए उन्हें विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की सलाह दी। उन्होंने सैक्स रेशियो, नाबालिग बालिकाओं की शादी, चाइल्ड लेबर के बारे में विस्तृत चर्चा की। एडवोकेट विक्रम श्रीवास्तव बाल संरक्षण एवं विधि विशेषज्ञ ने जे0जे0 एवं पॉक्सो एक्ट के बारे में कानूनी एवं सामाजिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। मोहम्मद हसन जैदी विधि एवं साइबर क्राइम विशेषज्ञ ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं साइबर क्राइम के बारे में उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अच्छे से समझाया। मोहम्मद जावेद अंसारी स्टेट एडवाइजर महिला एवं बाल विकास विभाग ने कन्या सुमंगला योजना, निराश्रित महिला पेंशन, महिलाओं से संबंधित प्रमुख कानूनों, घरेलू हिंसा एवं यौन उत्पीड़न की रोकथाम एवं कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।कार्यशाला का संचालन करते हुए नीतू सारस्वत ने बताया कि पहले चाइल्ड हेल्पलाइन का संचालन एनजीओ के माध्यम से किया जाता था। परंतु नई व्यवस्था के तहत 1098 का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। 1098 पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का तत्परता के साथ निराकरण किया जा रहा है। विभिन्न आयोजनों एवं स्कूल कॉलेज में बैड टच एवं गुड टच के बारे में समझ विकसित करते हुए विभिन्न प्रकार के अपराध एवं शोषण के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। कार्यशाला में बाल विवाह की बुराइयों, कुरीतियों, दुष्परिणामों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कार्यशाला में संयुक्त विकास आयुक्त सर्वेश चन्द्र यादव, सीडीओ अलीगढ़ आकांक्षा राना, सीडीओ कासगंज सचिन, सीडीओ हाथरस साहित्य प्रकाश मिश्रा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलीगढ़ दिनेश कुमार नागर, डीडीओ एटा प्रवीन कुमार राय, मण्डल के समस्त डीपीओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी समेत मण्डल भर से बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यगण उपस्थित रहे।