महाराष्ट्र में मराठा समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग
आंदोलन का चेहरा बने मनोज जरांगे ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की
महाराष्ट्र में मराठा समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से सक्रिय रूप से विरोध प्रदर्शन कर रहा है. आज आंदोलन का चेहरा बने मनोज जरांगे ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने घोषणा की कि मराठा आंदोलन को 3 मार्च तक रोक दिया जाएगा, इस अवधि के दौरान केवल शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई जाएगी. जरांगे ने आंदोलन स्थगित करने का कारण आगामी परीक्षाओं को बताया है.जरांगे अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. उन्होंने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा, हम ओबीसी से आरक्षण की मांग कर रहे हैं. जरांगे ने उस समय मीडिया से बात की जब छत्रपति का संभाजीनगर शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. वहीं, इस मौके पर बोलते हुए जरांगे ने कहा, ”दमन चल रहा है, अंतरवाली सराती में मंडप हटाने की कोशिश की जा रही है.” इसलिए पुलिस से अनुरोध है कि तंबू न हटाया जाए और ग्रामीणों पर अत्याचार रोका जाए.
जरांगे ने कहा, ”मैं 10 प्रतिशत आरक्षण स्वीकार नहीं करूंगा, चाहे मुझे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जाए, मैं नहीं हटूंगा.” मैं जेल में भी आमरण अनशन करूंगा. ओबीसी से आरक्षण लिए बिना पीछे नहीं हटेंगे. जहां एक तरफ जरांगे गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस की आलोचना कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मराठवाड़ा के कुछ दैनिक समाचार पत्रों ने आज पूरे पृष्ठ के विज्ञापन छापे हैं कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के लिए अब तक क्या किया है. विज्ञापन में मुख्यमंत्री के रूप में फडणवीस के कार्यकाल और मराठा समुदाय के लिए उनके द्वारा अब तक लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी गई है. यह विज्ञापन मुख्य रूप से छत्रपति संभाजीनगर, जालना और बीड जिलों के दैनिक समाचार पत्रों में देखा जाता है.