जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एग्री स्टेक सर्वे के लिए हुई बैठक
संविदाकर्मियों को एग्री स्टैक सर्वे में है अतिरिक्त आय का प्राविधान

अलीगढ़ ): कृषि में सुधार के लिए विभिन्न हितधारकों को आसानी से एक साथ लाने और डेटा- डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके किसानों के लिए बेहतर योजनाओं का नियोजन, सेवाओं तक किसानों की सुगम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया जा रहा है। किसानों को उनके खेत में बोई गई वास्तविक फसल के उत्पाद की बिक्री के लिए अपने अभिलेख का सत्यापन कराने से मुक्ति मिल जायेगी। इससे किसान के फसल के उत्पाद के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादन का खरीद में सरलीकरण हो जायेगा। वही फसल नुकसान की स्थिति में किसानों को उनके वास्तविक क्षति का मुआवजा प्राप्ति में सरलीकरण हो जाएगा। समय-समय पर किसानों को उनके फसल विशेष के लिए लक्षित फसल सलाह प्रदान की जा सकेगी। बोई गई फसल के वास्तविक उपज के आंकलन के लिए मोबाइल एप के माध्यम से क्राप कटाई एक्सपेरिमेंट (सीसीई) का प्रभावी क्रियान्वयन संभव हो सकेगा।उक्त जानकारी जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कलैक्ट्रेट सभागार में बैठक के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पूर्व में ई-खसरा पड़ताल (एग्री स्टैक) सर्वे के अन्तर्गत सर्वेयर के रूप में लेखपाल, तकनीकी सहायक (कृषि), एटीएम/बीटीएम को प्राथमिकाता के आधार पर लगाया जाता था। वर्तमान में शासन स्तर से यह निर्णय लिया है कि ई-खसरा पड़ताल के अन्तर्गत सर्वेयर के रूप में संविदा कर्मियों जैसे- पंचायत विभाग के पंचायत सहायक, मनरेगा के अन्तर्गत रोजगार सेवक एवं कृषि विभाग के एटीएम, बीटीएम के माध्यम से सर्वे कार्य कराया जायेगा। इसके लिए रूपया 5 प्रति सर्वे एक फसली के लिए एवं रूपया 10 प्रति सर्वे दो फसली देय होगा। प्रत्येक सर्वेयर द्वारा 1100 गाटा सर्वे के लिए निर्धारण किया गया है। इस बार यह सर्वे लेखपाल के माध्यम से नहीं कराया जायेगा। सर्वेयर द्वारा किए गए सर्वे के शत-प्रतिशत अप्रूवल होने पर सर्वेयर को 150 रुपए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रत्येक खरीफ, रबी एवं जायद के सर्वेकाल के समय प्रदान की जाएगी। सर्वे कार्य को सुपरवाइज करने के लिए अधिकतम 20 सर्वेयर्स का एक ग्रुप भी बनाया जाएगा। वेरी फायर का कार्य राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार के अलावा कृषि विभाग के वरिष्ठ तकनीकी सहायक वर्ग ए और अवर अभियंता से भी कराया जा सकता है।उप निदेशक कृषि अरुण कुमार चौधरी ने बताया कि सर्वे का कार्य यद्यपि मोबाइल के माध्यम से किया जाएगा, इसके लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता होगी, इसके लिए सर्वेयर एवं सुपरवाइजर को 350 रुपए प्रत्येक फसल सर्वेकाल के दौरान भुगतान किया जाएगा।