अलीगढ़

डीएम की अध्यक्षता में जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए बैठक सम्पन्न

जन्म प्रमाण पत्र प्रत्येक शिशु का प्रथम अधिकार

जनपद में सभी 852 ग्राम पंचायत, नगर निगम सहित 21 निकाय कार्यालय, 37 स्वास्थ्य इकाइयों एवं 02 कैंटोनमेंट अस्पताल में करा सकते हैं जन्म-मृत्यु पंजीकरण

सभी एमओआईसी, जेएनएमसी के चिकित्सकों एवं पंचायतीराज विभाग जन्म-मृत्यु पंजीकरण को न रखें लम्बित

-इन्द्र विक्रम सिंह, जिलाधिकारी

अलीगढ़ – जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यक्रम को सफल बनाए जाने के लिए बैठक आहूत की गई। डीएम ने कहा की जन्म प्रमाण पत्र प्रत्येक शिशु का प्रथम अधिकार है। कहा गया है सामान्य जीवन में भी इसका व्यापक एवं महत्वपूर्ण प्रयोग किया जाता है। भारत सरकार ने हाल ही में जन सामान्य को बड़ी राहत देते हुए जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के लिए आधार नंबर की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। उन्होंने सभी रजिस्ट्रार को निर्देशित किया है कि जन्म या मृत्यु होने पर सूचना प्राप्त होते ही पंजीकरण किया जाना सुनिश्चित करें इसको लंबित रखना अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।

सीएमओ डॉक्टर नीरज त्यागी ने बताया कि जन्म-मृत्यु पंजीकरण के शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी 852 ग्राम पंचायत, नगर निगम सहित 21 निकाय कार्यालय, 37 स्वास्थ्य इकाइयों एवं 02 कैंटोनमेंट अस्पताल में पंजीकरण की सुविधा प्रदान की गई है परंतु बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि 415 ग्राम पंचायतों में पंजीकरण न किए जाने पर पंजीकरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है वहीं पर 380 ग्राम पंचायत एवं 33 स्वास्थ्य इकाइयों एवं 02 कैंटोनमेंट हॉस्पिटल में मृृत्यु पंजीकरण का कार्य नहीं किया जा रहा है। सीएमओ ने कहा कि नियमानुसार शिशु के जन्म लेने से 21 दिवस तक अनिवार्य रूप से निशुल्क पंजीकरण हो जाना चाहिए। जन्म-मृत्यु पंजीकरण कराना बहुत ही महत्वपूर्ण है, इसके नहीं होने से विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि जन्म तिथि का गलत अंकन शासकीय सेवा में समय से पहले या फिर बहुत बाद में सेवानिवृत्ति कराता है। इसी प्रकार से जन्म के साथ ही मृत्यु का पंजीकरण न होने से कई तरह की कठिनाइयों से दो चार होना पड़ता है। जैसे पुरुषों की चल अचल संपत्ति प्राप्त करने, बीमा पॉलिसी या फिर कोर्ट कचहरी के मामलों के निस्तारण में।

आंकड़ों की बात करें तो ग्राम पंचायतों में जनवरी 2023 से सितंबर 2023 तक 30234 जन्म की घटनाएं हुई परंतु 15161 ही पंजीकृत हुए इसी प्रकार स्वास्थ्य इकाइयों में 45006 के सापेक्ष 38728 पंजीकरण हुए। मृत्यु पंजीकरण के मामले में ग्राम पंचायत में 11734 मृत्यु की घटनाओं के सापेक्ष 9150 एवं नगरी क्षेत्र में 6718 के सापेक्ष 5103 स्वास्थ्य इकाइयों में 3623 के सापेक्ष 1206 ही पंजीकरण हुए हैं। बैठक में उपस्थित आए सभी एमओआईसी, जेएनएमसी के चिकित्सकों एवं पंचायतीराज विभाग को निर्देशित किया गया कि किसी भी स्थिति में जन्म-मृत्यु पंजीकरण को लम्बित न रखा जाए।

JNS News 24

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