डीएम की अध्यक्षता में कृषि तकनीकी प्रबन्ध अभिकरण (आत्मा) की बैठक संपन्न
जिले के कृषि समेत अन्य विभागों के 1500 कृषकों को फार्मस्कूल में किया जाएगा प्रशिक्षित

अलीगढ़: जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में कृषि तकनीकी प्रबन्ध अभिकरण (आत्मा) के अधिशासी परिषद (गवर्निंग बोर्ड) की बैठक आहुत की गई। डीएम ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को परपम्परागत खेती-किसानी के साथ ही तकनीकी खेती के क्षेत्र में भी प्रशिक्षित कराने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सरकार खेती के साथ ही अन्य संबंधित क्षेत्र-पशुपालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन को बढ़ावा देते हुए किसानों को आय को दोगुना करने के लिए कृत संकल्पित है। उप कृषि निदेशक चौधरी अरूण कुमार ने बताया कि ”आत्मा” जिला स्तर पर गठित उन सभी प्रमुख भागीदारों की एक स्वायत्तशासी संस्था है जो कृषि के विकास को स्थायित्व प्रदान करने संबंधी कृषि गतिविधियों में संलग्न हैं। संस्था का उद्देश्य कृषि प्रसार को पुनर्गठित एवं सुदृढ़ कर कृषि प्रोद्यौगिकी एवं शस्य विधियों को किसानों तक पहुॅचाना है। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा किसान मेले आयोजन के साथ ही फार्म स्कूल के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षित किया जाता है और प्रगतिशील कृषकों को जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर भ्रमण व प्रशिक्षण प्रदान कराया जाता है।डीडी श्री चौधरी ने 2024-25 की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि जिला स्तरीय किसान मेला, प्रदर्शनी एवं कृषक-वैज्ञानित संवाद आयोजित करने के साथ ही सभी विकासखण्डों में रबी एवं खरीफ में 01-01 ब्लॉक स्तरीय गोष्ठियों का आयोजन कराया गया। रबी एवं खरीफ में 36-36 फार्मस्कूल के माध्यम से 25-25 प्रशिक्षार्थी कृषकों को प्रशिक्षित किया गया, जिसमें कृषकों द्वारा ”करके सीखने व देखकर विश्वास करने” पर अमल किया व नवीन कृषि तकनीक अपनाने की प्रेरणा ली। उन्होंने बताया कि कृषक प्रशिक्षण के तहत राज्य के बार 420 मानव दिवस, राज्य के अंदर 990 मानव दिवस, जिले के अंदर 2328 मानव दिवस का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसी प्रकार कृषक भ्रमण के तहत राज्य से बाहर 370 मानव दिवस, राज्य के अंदर 1920 मानव दिवस व जिले के अंदर 708 मानस दिवस का भ्रमण कराया गया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रसार सुधार आत्म योजनान्तर्गत कृषि, पशुपालन, उद्यान, गन्ना, मत्स्य क्षेत्र के उत्कृष्ठ 16 किसानों को 7000-7000, 16 किसानों को 5000-5000 एवं ब्लॉक स्तर पर 60 किसानों को 2000-2000 रूपये से लाभान्वित किया गया।उप निदेशक कृषि ने वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना से अवगत कराते हुए बताया कि फार्मस्कूल में प्रशिक्षण के लिए कृषि विभाग से 1020, पशुपालन से 220, उद्यान से 200, गन्ना से 20 एवं केवीके से 40 समेत कुल 1500 कृषकों को प्रशिक्षित कराए जाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार कृषक भ्रमण एवं प्रशिक्षण के तहत प्रदेश से बाहर 05 कृषक प्रति विकासखण्ड (07 दिवस), प्रदेश के अंदर 16 कृषक प्रति विकासखण्ड (05 दिवस), जिले के अंदर आवासीय 220 कृषक प्रति विकासखण्ड 02 दिवसीय एवं जिले में प्रति विकासखण्ड से 10 ग्रामीण युवाओं को ग्राम स्तर पर कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है। उन्होंने बताया कि कृषक अध्ययन भ्रमण के तहत राज्य से बाहर 03 कृषक प्रति विकास खण्ड (07 दिवस), राज्य के अंद 16 कृषक प्रति विकासखण्ड (05 दिवस) एवं 60 कृषकों को प्रति विकासखण्ड से 01 दिवसीय कृषक अध्ययन भ्रमण कराया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कृषकों को प्रदेश से बाहर करनाल एवं पंतनगर जैसे स्थानों पर तकनीकी भ्रमण कराया जाता है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही कृषक समूहों का गठन, कृषक पुरस्कार, किसाने मेला, कृषक-वैज्ञानिक संवाद, किसान गोष्ठी समेत अन्य योजनाओं में लक्ष्य प्राप्त हुए हैं।जिलाधिकारी ने योजनाओं के क्रियान्वयन में बेहतर व प्रगतिशील कृषकों को चयनित करने के साथ ही मत्स्य, पशुपालन, उद्यान एवं गन्ना किसानों को भी लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि हालिया वर्षाें में भ्रमण व प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ लेने वाले कृषकों का रिपीट न करें, कृषकों का चयन रोटेशन प्रणाली के आधार पर किया जाए ताकि अधिकाधिक कृषक शासकीय योजनाओं से लाभान्वित हो सकें।बैठक में सीडीओ प्रखर कुमार सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट शिशिर कुमार सिंह, सीवीओ डा0 दिवाकर त्रिपाठी, एडी फिशरीज प्रियंका आर्य, एलडीएम सुरेश सौनी, भूमि संरक्षण अधिकारी दिव्या मौर्य, क्षेत्रीय प्रबंधक इफको बी0के0 निगम सहित केवीके के वैज्ञानिक उपस्थित रहे।