गृह मंत्रालय भारत सरकार श्रीमती शीतल वर्मा ने मेडिकल कॉलेज में प्रधानाचार्य एवं सीएमएस के साथ की बैठक
मृत्यु के कारणों के चिकित्सकीय प्रमाणन (एमसीसीडी) को परस्नातक कोर्स में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए
अलीगढ़ श्रीमती शीतल वर्मा, आईएएस निदेशक एवं संयुक्त महारजिस्ट्रार (सीआरएस), गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गुरूवार को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में प्रधानाचार्य एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के साथ बैठक की गयी। बैठक में प्रधानाचार्य डॉ हैरिस एम खान ने जन्म मृत्यु पंजीकरण और मृत्यु के कारणों के चिकित्सकीय प्रमाणन (एमसीसीडी) की स्थिति से अवगत कराया।
श्रीमती शीतल वर्मा ने सभी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि मृत्यु के कारणों का चिकित्सकीय प्रमाणन शासन की चिकित्सा संबंधी नीतियों के निर्धारण का मुख्य आधार है। वर्तमान में इस पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। यह जन्म मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 2023 की धारा 10(2) एवं 10(3) में अनिवार्य है। मृत्यु के कारणों को अंतर्राष्ट्रीय मानक आईसीडी 10 के अनुरूप ही प्रमाणित करना होता है। जिसके लिए यह मेडिकल कॉलेज अपने सभी विद्यार्थियों एवं चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर सकता है। उन्होंने कहा कि एमसीसीडी को परस्नातक कोर्स में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने आश्वस्त किया की मेडिकल कॉलेज इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई करेगा। मेडिकल कॉलेज ने जनवरी 2024 से ही मृत्यु के कारणों के चिकत्सकीय प्रमाणन पर प्रशिक्षण आरंभ करने की मंशा जाहिर की। बैठक में प्रो0 आदिल रजा, प्रो0 अली जफर आबिदी, डॉ सलमान शाह, डॉ एस एस शर्मा, डॉ गौरव पांडेय, श्रीमती आदिला एवं डॉ शरवरी म्हापनकर उपस्थित रहे।