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भारत के ज्यादातर घरों में स्वच्छ पानी के लिए RO यानी वाटर प्यूरीफायर लगा हुआ है.

टीडीएस 300 मिलीग्राम से कम होना चाहिए. टीडीएस लेवल 900 से ऊपर है

भारत के ज्यादातर घरों में स्वच्छ पानी के लिए RO यानी वाटर प्यूरीफायर लगा हुआ है. आमतौर पर हमें ये बताया जाता है कि आरओ का पानी सेहत के लिए काफी अच्छा होता है. यही कारण है कि हम अपने घरों में महंगे से महंगा वाटर प्यूरीफायर (RO) लगवाते हैं. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी की विशेषज्ञों ने आरओ का पानी पीना सेहत के लिए हानिकारक बताया है.दरअसल हाल ही में आरओ सिस्टम पर एक वेबिनार हुआ था. जिसमें विशेषज्ञों ने बताया कि आरओ यानी वाटर प्यूरीफायर से जब हम पानी साफ करते हैं तो इस प्रक्रिया के दौरान न सिर्फ पानी की गंदगी खत्म होती है, बल्कि पानी में घुले खनिज पदार्थों भी खत्म हो जाते हैं. ऐसे में RO का पानी जब शरीर में जाता है तो वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है. साफ साफ कहा जाए तो आरओ के पानी का लंबे समय से सेवन करने से शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती है.

वेबिनार में विशेषज्ञों ने क्या कहाइस वेबिनार के दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि अगर आप अपने घर में आरओ का इस्तेमाल कर ही रहे हैं, तो इस बात का ख्याल रखें कि प्यूरिफाई किए गए पानी में कम से कम 200 से 250 मिलीग्राम प्रति लीटर के दर से ठोस पदार्थ घुले हुए हो. अगर आप ठोस पदार्थ वाला पानी पीते हैं तो आपके शरीर में कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसी जरूरी खनिजों की सप्लाई होती रहेगी.

डब्ल्यूएचओ भी दे चुके हैं चेतावनी 

बता दें कि इस वेबिनार से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन भी आरओ फिल्टर के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दे चुके हैं. साल 2019 में ही डब्ल्यूएचओ ने कहा था, ‘आरओ फिल्टर पानी को साफ तो करती है लेकिन इसके कैल्शियम और मैग्नीशियम को खत्म कर देती है, ये मिनरल शरीर में ऊर्जा पैदा करने के लिए बेहद जरूरी हैं.  डब्ल्यूएचओ के अनुसार से पीने वाले पानी का टीडीएस 300 मिलीग्राम से कम होना चाहिए. टीडीएस लेवल 900 से ऊपर है, तो उसे भूल से भी नहीं पीना चाहिए.

आरओ की जगह इस तरीके का इस्तेमाल करना सही 

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में मेदांता अस्पताल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अश्विनी सेत्या ने कहा कि आरओ से फिल्टर करने के दौरान जरूरी खनिजों का खत्म हो जाना सच है. ऐसे में आरओ से बेहतर है कि आप उबला हुआ पानी पीयें.  उन्होंने कहा कि पानी से आवश्यक खनिज खत्म होने से आपकी इम्यूनिटी पर असर पड़ सकता है. डॉक्टर ने आगे कहा कि लंबे वक्त तक बोतलबंद पानी पीना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है, लेकिन सामान्य आरओ का पानी पीने से आपके शरीर को ना तो किसी तरह का फायदा होता है और न ही किसी तरह  का नुकसान. आरओ से पानी फिल्टर करते समय टीडीएस लेवल 70 से 150 के बीच होना ज्यादा सुरक्षित है.एसएसजी हॉस्पिटल की एक स्टडी में पता चला है कि काफी लंबे समय तक आरओ का पीने से आपके शरीर में विटामिन बी12 की कमी हो सकती है. इस अध्ययन में पाया गया कि फिल्टर से पानी की सफाई करते वक्त आरओ कोबाल्ट भी अलग कर देता है और ये विटामिन बी12 का जरूरी तत्व है. रिसर्च  में देखा गया कि आरओ वाटर पीने वालें लोगों के शरीर में विटामिन बी12 नॉर्मल लेवल से नीचे था.

पानी का टीडीएस इतने से ऊपर नहीं होना चाहिएएक्सपर्ट्स की मानें तो पाने वाले पानी का टीडीएस अगर 500 से नीचे है, तो उसे पीने योग्य माना जाता है. लेकिन इससे ज्यादा टीडीएस वाला पानी पीने से बचना चाहिए,  सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

JNS News 24

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