ज्यादातर लोग बड़े शहरों में अकेले रहते हैं, जिसके कारण लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बहुत प्रभावित होता है.
मां और पत्नी के बीच होने वाली इन झगड़ों में अक्सर बेटा पीस जाता है. वहीं कुछ घरों में स्थिति इतनी खराब हो जाती है
ज्यादातर लोग बड़े शहरों में अकेले रहते हैं, जिसके कारण लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बहुत प्रभावित होता है. क्योंकि उनका रोज का काम सिर्फ ऑफिस से घर, घर से ऑफिस हो गया है. ऐसा कहा जाता है कि वे लोग जो परिवार के साथ रहते हैं, वे खुश रहते हैं और अधिकांश समय तनाव मुक्त रहते हैं.परिवार के साथ रहना न केवल आपको खुश बनाता है बल्कि बच्चों को भी अच्छे संस्कार मिलते हैं. जब बेटे की शादी होती है और नई बहू घर में आती है. कुछ दिनों तक घर में माहौल बहुत ही खुशमिजाज रहता है, लेकिन समय के साथ-साथ, घर में झगड़े भी होने लगते हैं. मां और पत्नी के बीच होने वाली इन झगड़ों में अक्सर बेटा पीस जाता है. वहीं कुछ घरों में स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि अलगाव का मुद्दा उठ जाता है. घर की इन लड़ाईयों का बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है. आज हम आपको बताएंगे कि आप अपने सास-ससुर के साथ रिश्ता कैसा अच्छा कर सकते हैं.
गलतफहमी को करें दूर और समय दें आपका सास-ससुर से चाहे झगड़ा कितना भी बड़ा हो आप बात करके इसे हल कर सकते हैं. बड़े शहरों में लोग एक-दूसरे से बातचीत का समय नहीं मिलता, जिसके कारण झगड़े अक्सर बढ़ जाते हैं. ऐसे में आपको अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ छुट्टियों पर बैठकर किसी भी ग़लतफ़हमी को सही कर देना चाहिए.
ठड़े मन से गुस्से को करें ठीक
झगड़े को हल करने के लिए आपको अपनी बातचीत के दौरान आवाज पर ध्यान केंद्रित करना सबसे महत्वपूर्ण है. अगर आप क्रोध में मामले को हल करने का प्रयास करें, तो यह मामला हल होने के बजाय और भी बदतर हो जाएगा. इसलिए हमेशा किसी भी चर्चा या झगड़े को ठंडे मन से हल करने की कोशिश करें.
सास-ससुर को आराम से समझाएं
जो कुछ भी बड़े लोग कहते हैं, वह हमारे ही भलाई के लिए होता है, इसलिए कभी उन्हें बाधित करने की गलती न करें और विशेष रूप से ध्यान दें कि आप जिस तरीके से अपने माता-पिता से बात करते हैं, आपके बच्चे आपको देखकर उसी तरीके से सीखेंगे और भविष्य में वे भी आपसे उसी आवाज में बात कर सकते हैं. यदि बड़े लोगों द्वारा कुछ ग़लत कहा जाता है, तो उनसे आराम से बात करें और उन्हें समझाएं.