धार्मिक

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को माता यशोदा की जयंती मनाई जाती है

यशोदा की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को माता यशोदा की जयंती मनाई जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन कान्हा की पालन माता मां यशोदा (Maa Yashoda) का जन्म हुआ था.श्रीकृष्ण ने मां देवकी की कोख से जरुर जन्म लिया लेकिन उनका लालन-पालन माता यशोदा ने ही किया था. मान्यता है कि इस दिन मां यशोदा की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है.आइए जानते हैं माता यशोदा जयंती 2024 की डेट, मुहूर्त और महत्व.इस बार मार्च महीने की शुरुआत यशोदा जयंती से हो रही है. यशोदा जयंती 1 मार्च 2024 को है. यशोदा जयंती का दिन माता और संतान के प्रेम को दर्शाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन माता यशोदा और उनके लला कान्हा की पूजा करने पर संतान सुख प्राप्त होता है.पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 1 मार्च 2024 को सुबह 06.21 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 2 मार्च 2024 को सुबह 07.53 बजे समाप्त होगी.

यशोदा जयंती महत्व (Yashoda Jayanti Significance)फाल्गुन माह में श्रीकृष्ण की पूजा विशेष फलदायी मानी गई है, ऐसे में इस दिन कान्हा के बाल स्वरूप की उपासना से निसंतान दंपत्ति को लाभ मिलता है. श्रीकृष्ण की माता यशोदा का जन्म पर्व गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिण भारतीय राज्यों में भी मनाया जाता है. इस दिन माताएं अपने सन्तान की दीर्घायु और सफल जीवन के लिए व्रत रखती हैं और मां यशोदा की उपासना करती हैं. इस त्योहार को पूरी दुनिया में वैष्णव परंपरा के लोग पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं.

 

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, साफ वस्त्र धारण करें. दिनभर फलाहार व्रत रखें.
  • माता यशोदा और भगवान कृष्ण का मन से स्मरण करें.
  • अपनी संतान के सुख की कामना करें.
  • मां को लाल चुन्नी चढ़ाएं. पंजीरी, मिठाई और मक्खन का भोग लगाएं.
  • माता यशोदा की गोद में बैठे बाल गोपाल कृष्ण जी के मंत्रों का जाप करें.
  • भगवान कृष्ण और माता यशोदा से वरदान मांगे.

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!