दहेज हत्या के मामले में दोषी पाए जाने पर नगर निगम की सफाई कर्मचारी सेवा से बर्खास्त
नगर निगम ने अपराध के प्रति अपनाई 'शून्य सहनशीलता' की नीति

नगर निगम अलीगढ़ द्वारा महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के प्रति ‘सख्त और निष्पक्ष रुख’ अपनाते हुए, निगम में कार्यरत सफाई कर्मचारी श्रीमती मीना पत्नी शिवशंकर को सेवा से पदच्युत कर दिया गया है।नगर आयुक्त के निर्देश पर यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के अंतर्गत की गई, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि किसी भी सरकारी सेवक के दोषसिद्ध पाए जाने पर सेवा में बने रहना नैतिक रूप से अस्वीकार्य है।प्रकरण के अनुसार, वर्ष 2010 में उनके विरुद्ध थाना सासनीगेट, अलीगढ़ में दहेज हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले की न्यायिक सुनवाई के बाद, विशेष SC/ST न्यायालय, अलीगढ़ ने दिनांक 02 जुलाई 2025 को श्रीमती मीना को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं आर्थिक दंड की सजा सुनाई।न्यायालय के निर्णय के आधार पर और निगम की सार्वजनिक जवाबदेही को बनाए रखने हेतु, श्रीमती मीना को उसी दिन से सेवा से पृथक कर दिया गया है।नगर निगम का स्पष्ट रुख:नगर निगम प्रशासन का मानना है कि सेवा में ईमानदारी, चरित्र और कानून का पालन सर्वोच्च प्राथमिकता है। कोई भी कर्मचारी यदि गंभीर अपराध में दोषी सिद्ध होता है तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी — चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो।यह निर्णय नगर निगम की पारदर्शिता, नैतिकता और जनविश्वास को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।