मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की.
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तारीख मुकर्रर की
उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में वाराणसी जिला कोर्ट ने 31 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी तहखाने में हिंदू को पूजा पाठ करने की इजाजत दी थी. अदालत का आदेश मिलने के बाद हिंदू पक्ष की ओर से 31 जनवरी की रात से ही व्यास जी तहखाने में पूजा-आराधना शुरु कर दी गई थी. जिस पर मुस्लिम पक्ष की तरफ से जिला अदालते के फैसले को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. जिस उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तारीख मुकर्रर की थी. ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी तहखाने में जिला जज द्वारा पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने को चुनौती देने का मामला में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी. सुबह 10 बजे फ्रेश केस के तौर पर जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई होगी. सुनवाई में सबसे पहले राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया जाएगा. राज्य सरकार बताएगी कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में किस तरह के इंतजाम किए गए हैं.
मुस्लिम पक्ष ने की आदेश को रद्द करने की मांग
इसके बाद मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और हिंदू पक्ष की ओर से बहस की जाएगी. मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला जज के 17 जनवरी और 31 जनवरी की आदेशों को चुनौती दी है. जिला जज वाराणसी ने 17 जनवरी के अपने आदेश में डीएम वाराणसी को रिसीवर नियुक्त किया है. जबकि 31 जनवरी के आदेश में कोर्ट ने व्यास जी तहखाने में पूजा अर्चना की इजाजत दी थी.कोर्ट ने रिसीवर नियुक्त किए गए डीएम वाराणसी को बैरिकेटिंग और अन्य इंतजाम करने का आदेश दिया था. मुस्लिम पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी बहस करेंगे. मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला जज के आदेश को अवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की है. जबकि हिंदू पक्ष से सुप्रीम कोर्ट के वकील हरि शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन दलीलें पेश करेंगे. वहीं सरकार की ओर से प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र सरकार का पक्ष रखेंगे.