धार्मिक

न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या

भारतीय लिंक के कनाडा के दावे पर संदेह जताया

न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में ‘संभावित’ भारतीय लिंक के कनाडा के दावे पर संदेह जताया है. अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ न्यूजीलैंड भी फाइव-आईज खुफिया गठबंधन का सदस्य है. न्यूजीलैंड ने अब फाइव-आईज पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. पीटर्स ने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कनाडा के सबूतों पर संदेह व्यक्त किया. भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान पीटर्स ने निज्जर हत्याकांड पर अपना रुख स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले को मुख्य रूप से पिछली सरकार देख रही है. यह बात अलग है, लेकिन कभी-कभी जब आप फाइव-आईज जानकारी सुन रहे होते हैं तो आप इसे सुन रहे होते हैं और कुछ कहते नही हैं.

कहां तक पहुंची निज्जर केस की जांच?  न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री ने कहा, फाइव-आइज की जानकारी कितनी सच है? इसकी गुणवत्ता क्या है? इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन आप इस जानकारी को पाकर प्रसन्न जरूर रहते हैं. पीटर्स ने फाइव-आइज की रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, अगर निज्जर हत्याकांड में भारत का हाथ है तो सबूत कहां हैं? मामला कहां तक पहुंचा है? आखिर अभी तक इसमें क्या हुआ है? पीटर्स ने कहा कि फाइव-आईज के पास कुछ नहीं है. यह फाइव-आइज पार्टनर के निज्जर मामले के संबंध में कनाडा के दावों पर खुले तौर पर सवाल उठाने का पहला उदाहरण है. भारत में नामित आतंकवादी निज्जर की 18 जून, 2023 की शाम को ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे से बाहर निकलते ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उसकी मौत से भारत और कनाडा के बीच बड़े पैमाने पर राजनयिक विवाद पैदा हो गया.पिछले साल सितंबर में, कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई धरती पर निज्जर की हत्या में भारतीय संलिप्तता के खिलाफ निराधार आरोप लगाए थे, जिसे भारत ने ‘बेतुका और प्रेरित’ कहकर खारिज कर दिया था. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, कनाडा इस हत्या पर अपने दावे को साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं कर पाया है. रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने निज्जर की हत्या के संबंध में अभी तक संदिग्धों का नाम नहीं लिया है न ही गिरफ्तारी की है.

JNS News 24

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!