नॉर्थ कोरिया ने एक मिडिल रेंज के बैलिस्टिक मिसाइल को प्योंगयांग के पास किया लॉन्च
अमेरिका के लिए खतरे की घंटी!
अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हैं. दोनों देश के बीच तनातनी का माहौल बना हुआ है. हालांकि, इस बीच नॉर्थ कोरिया ने हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है. इसके बाद अमेरिका के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है, क्योंकि ईरान भी पहले दावा किया था कि उसने भी हाइपरसोनिक मिसाइल में कामयाबी हासिल कर ली है.यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ कोरिया ने 14 जनवरी को सॉलिड-फ्यूल वाले हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया, जो उसके हथियार कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ गई है. इस मामले की पुष्टि करते हुए साउथ कोरियाई और जापानी सेनाओं ने कहा कि साउथ कोरिया ने अपने समुद्र तट से हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.
दुनिया के कई देश होड़ में लगे
नॉर्थ कोरिया ने एक मिडिल रेंज के बैलिस्टिक मिसाइल को प्योंगयांग के पास लॉन्च किया था. उसने 12 मिनट से कम का समय लेते हुए मिसाइल को लॉन्च कर दिया. हाल के दिनों मे नॉर्थ कोरिया ने वेपन प्रोग्राम के तहत दो सफलता हासिल की है. नॉर्थ कोरिया के सॉलिड-फ्यूल हाइपरसोनिक मिसाइल की एक खासियत है और वो ये कि अन्य मिसाइलों की तुलना में कम समय में ही हमला कर सकता है.आज के वक्त में कई देश हाइपरसोनिक हथियार और फ्रैक्शनल ऑर्बिटल बॉम्बार्डमेंट सिस्टम (FOBS) की रेस में आगे निकलने की होड़ में लगे हुए हैं. इस क्रम में नॉर्थ कोरिया सॉलिड फ्यूल वाले रॉकेट बूस्टर का इस्तेमाल कर मीडिल रेंज की हाइपरसोनिक लिस्टिक मिसाइल तैयार करने में एक्टिव हैं.
ईरान भी हाइपरसोनिक हथियार को बनाने में आगे
हाल के दिनों में मिडिल ईस्ट देश ईरान भी हाइपरसोनिक हथियार को बनाने में लगा हुआ है. वो अमेरिका को अपना दुश्मन मानता है. इसके पीछे कई बड़ी वजह है. इसमें से सबसे पहली और ताजा वजह है अमेरिका का इजरायल को हमास के खिलाफ समर्थन देना. इससे ईरान अमेरिका पर भड़का हुआ है. वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ईरान को परमाणु बम बनाने को लेकर भी रुकावट करता है.हालांकि, इसके बावजूद ईरान ने पिछले साल अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल का अनावरण किया. इसके साथ ही उसने खुद को चीन और रूस सहित चुनिंदा देशों के समूह में शामिल किया, जो लंबी दूरी के हथियार तैनात करने में सक्षम हैं.