उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर सीट पर वोटिंग के लिए अब एक हफ्ते से भी कम समय बचा है,
बीजेपी के संजीव बालियान पिछली दो बार से लगाातार इस सीट से सांसद रहे
उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर सीट पर वोटिंग के लिए अब एक हफ्ते से भी कम समय बचा है, इस बीच ठाकुर समाज की नाराजगी ने यहां का सियासी तापमान पारा बढ़ा दिया है. यहां से दो बड़े जाट नेता ताल ठोक रहे हैं, बीजेपी से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और समाजवादी पार्टी से हरेंद्र मलिक के बीच टक्कर है तो वहीं बसपा की एंट्री ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. बसपा ने यहां दारा सिंह प्रजापति को टिकट दिया है. बीजेपी के संजीव बालियान पिछली दो बार से लगाातार इस सीट से सांसद रहे हैं. तीसरी वो फिर से चुनाव जीतकर पार्टी में अपनी धमक बनाने की जुटे हैं. लेकिन सुरेश राणा से उनके विवाद के चलते इस बार ठाकुरों की नाराजगी उनके लिए भारी पड़ सकती है. ठाकुरों ने इस बार बीजेपी को वोट नहीं देने का एलान किया है. ऐसे में बीजेपी के दिग्गज नेता ठाकुरों में मनाने में जुटे हुए हैं. हालांकि रालोद के साथ गठबंधन से बीजेपी को राहत मिल सकती है.
सपा-बीजेपी में कड़ी टक्कर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हरेंद्र मलिक भी जाटों के बड़े नेता माने जाते हैं. हरेंद्र मलिक 1985 खतौली, 1989, 1991 और 1996 में बुरा से विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा 2002 से 2008 तक राज्यसभा सदस्य रहे हैं. उनके बेटे पंकज मलिक चरथावल से सपा विधायक हैं. हरेंद्र मलिक पिछली बार कांग्रेस से चुनाव लड़े थे जिसमें उन्हें महज़ 70 हज़ार वोट मिले थे. लेकिन इस बार सपा-कांग्रेस गठबंधन में हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में रालोद ने सपा-बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसमें संजीव बालियान ने जयंत चौधरी के पिता अजित सिंह को करीब साढ़े छह हजार वोटों से हरा दिया था. लेकिन इस बार रालोद बीजेपी के साथ है और सपा-बसपा भी अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन ठाकुरों की नाराजगी और किसान आंदोलन के बाद जाट भी बीजेपी से उतने खुश नहीं दिख रहे हैं. भाजपा जाट, ओबीसी, ठाकुर और ग़ैर जाटव दलित वोटरों पर नजर जमाए हैं, हालांकि इस सीट पर परीक्षा उतनी आसान नहीं हैं.
मुजफ्फरनगर का जातीय समीकरण
सपा के हरेंद्र मलिक भी जाट, मुस्लिम और त्यागी समाज से समर्थन की उम्मीद जता रहे हैं तो बसपा के दारा सिंह प्रजापति अपने स्वजातीय व दलित वोटरों के सहारे मैदान में टिके हैं. मुजफ्फरनगर में 18 लाख वोटर हैं. जिनमें 20 फीसद मुस्लिम, 12 फीसद जाट, 18 फी