अखिल भारतीय हिंदू महासभा की तरफ से स्वामी चक्रपाणि ने देशभर में 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा
पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है. वाराणसी से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद हिमांगी सखी चुनाव प्रचार के मैदान में कूद गई
अखिल भारतीय हिंदू महासभा की तरफ से स्वामी चक्रपाणि ने देशभर में 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है. इनमें से एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी लोकसभा सीट भी है. इस सीट से हिन्दू महासभा ने किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है. वाराणसी से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद हिमांगी सखी चुनाव प्रचार के मैदान में कूद गई हैं. इस दौरान हिन्दू महासभा के स्वामी चक्रपाणि खुलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे है और उन पर जुबानी हमले कर किए जा रहे हैं.स्वामी चक्रपाणि ने कहा, बीफ खाने वालों को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के भव्य राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में बुला लिया गया लेकिन हमारे संघर्षों को नजरअंदाज करते हुए हमें आमंत्रण तक नहीं दिया गया, ना ही ट्रस्ट में जगह दी गई. इसलिए हिंदू जन जागृति के उद्देश्य से हमने लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों को उतारने का एलान किया है. इसी क्रम में वाराणसी से अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को चुनावी मैदान में उतारा है.
‘पीएम मोदी गंगापुत्र तो मैं शिखंडी’
एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान वाराणसी से लोकसभा प्रत्याशी हिमांगी सखी ने कहा कि किन्नर समाज के मुद्दों को लेकर हम वाराणसी की जनता के बीच में जाएंगे. हमारे समाज को आरक्षण मिले, हमें भी लोकसभा और विधानसभा निर्धारित सीटों पर चुनाव लड़ने का अवसर मिले. यह हमारी प्रमुख मांग है. बीते वर्षों में हमारे अधिकारों के बारे में कुछ भी ध्यान नहीं दिया गया. हम भी समाज की मुख्य धारा में रहकर जीना चाहते हैं. और यह स्पष्ट है कि अगर प्रधानमंत्री मोदी खुद को गंगा पुत्र कहते हैं तो मैं शिखंडी हूं और उन्हें शरणागत होना पड़ेगा. किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि कल काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने जाएंगे. इसके अलावा लगातार सुर्खियों में चल रहा काशी ज्ञानवापी मामले में ASI ने सब कुछ स्पष्ट कर दिया है. काशी ज्ञानवापी परिसर पूरा हिंदुओं का है. रही बात एक और पक्ष के आस्था की तो काशीवासियों का भी इस पूरे परिसर से आस्था जुड़ा हुआ है. वैसे देखना होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में किन्नर महामंडलेश्वर को काशी की जनता का कितना समर्थन प्राप्त होता है.