राजस्थान कोटा में सुसाइड करने पर सीएम गहलोत ने कोचिंग संचालकों पर साधा निशाना और कहा की क्राइम कर रहे हो आप लोग
राजस्थान के कोटा में हर साल लाखों बच्चें डाक्टर और इंडिनियर बनने का सपना लेकर जाते है।
राजस्थान के कोटा में हर साल लाखों बच्चें डाक्टर और इंडिनियर बनने का सपना लेकर जाते है। बच्चे तैयारी के लिए आते है। लेकिन इसके अलावा वहां से आए दिन आत्महत्याओ के मामले देखने को निलते है हालही में महावीर नगर इलाके में रहने वाले एक छात्र ने सुसाइड कर लिया है जो की तैयारी कर रहा था। महीने की यह तीसरी घटना है और इस साल की अब तक की यह 22 वीं घटना है।
इसी पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। अशोक गहलोत ने कहा कि कोचिंग संस्थानों में कक्षा 9 और 10 के छात्रों का नामांकन करने से उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है क्योंकि उन्हें बोर्ड परीक्षा भी देनी होती है उन्होंने कहा आप 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों को बुलाते हैं। आप एक तरह से अपराध कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानो आईआईटी भगवान हो।
गहलोत ने एलन कोंचिंग पर साधा सीधा निशाना
गहलोत ने कहा छात्रों को डमी स्कूलों में रजिस्ट्रेशन कराया जाता और वे स्कूल नहीं जाते हैं। उन पर बोर्ड परीक्षा पास करने और प्रवेश परीक्षा की तैयारी का दोहरा बोझ पड़ता है। गहलोत ने कहा कि छात्रों को 6 घंटे की कोचिंग क्लास में भाग लेना होता है फिर अतिरिक्त क्लास और वीकली टेस्ट देना होता है। अब सुधार क सुधार का समय है हम युवा छात्रों को आत्महत्या करते नहीं देख सकते।
मुख्यमंत्री ने सीधा एलन कोंचिंग का नाम लेकर पूछा कि आखिर सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले सबसे ज्यादा यही से क्यों आते है जब उन्हें बताया गया कि इस साल कोटा में आत्महत्या से मरने वाले 21 छात्रों में से 14 इसी संस्थान से थे। सीएम को यह भी बताया गया कि एलन इंस्टीट्यूट में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स हैं।
संस्थान के एक प्रतिनिधि ने बैठक के दौरान बताया कि कोचिंग संस्थान में कक्षा 9 और 10 के छात्रों को नहीं बुलाते हैं लेकिन माता.पिता अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें यहा भेज देते है। इस पर गहलोत ने कहा कि वह किसी खास संस्थान को निशाना नहीं बना रहे हैंए बल्कि आकड़ो को देख कर यह जानना चाहते हैं कि इस एक संस्थान में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं क्यों होती हैं