मातेश्वरी अहिल्याबाई होलकर की जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन, जनसेवा और न्यायप्रियता को बताया प्रेरणास्रोत
भारतीय जनमानस में न्याय, सेवा और समर्पण के प्रतीक के रूप में विख्यात मातेश्वरी अहिल्याबाई होलकर की जयंती के अवसर पर

भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय पर एक भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम “मातेश्वरी अहिल्याबाई होलकर जयंती स्मृति अभियान” के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता ज़िलाध्यक्ष चौधरी कृष्णपाल सिंह लाला प्रधान ने की। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों, पार्टी कार्यकर्ताओं, प्रबुद्ध नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का आरंभ मां भारती और अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके पश्चात मंचासीन अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया।
गोष्ठी के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद श्री नवीन जैन ने अपने सारगर्भित संबोधन में अहिल्याबाई होलकर के जीवनवृत्त को प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि – “मातेश्वरी का सम्पूर्ण जीवन समाजसेवा, न्याय और परोपकार के लिए समर्पित रहा। उन्होंने 18वीं शताब्दी में नारी शक्ति, नेतृत्व क्षमता और लोककल्याण का ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया, जो आज भी अनुकरणीय है।” उन्होंने यह भी कहा कि अहिल्याबाई ने एक शासक होते हुए भी अपने को जनसेवक ही माना और सदैव गरीब, वंचित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया।विशिष्ट अतिथि माननीय श्री संदीप सिंह ‘संजू भैया’ ने अपने संबोधन में अहिल्याबाई की न्यायप्रियता और धर्मनिष्ठा का उल्लेख करते हुए कहा कि वे न केवल एक सफल प्रशासक थीं, बल्कि उन्होंने शासन को जनहित के लिए साधन के रूप में प्रयोग किया। उन्होंने कहा – “जहाँ अन्य राजा अपने वैभव और विलास में लीन रहते थे, वहीं अहिल्याबाई ने जनकल्याण को प्राथमिकता दी। उनका न्याय इतना निष्पक्ष था कि जनता उन्हें माता के रूप में पूजती थी ज़िलाध्यक्ष चौधरी कृष्णपाल सिंह लाला प्रधान ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों और जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि – “हमें मातेश्वरी अहिल्याबाई होलकर के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और उसी समर्पण भाव के साथ समाज के लिए कार्य करना चाहिए। आज के राजनीतिक और सामाजिक परिवेश में उनके विचार और नीतियाँ अधिक प्रासंगिक हो गई हैं। गोष्ठी का संचालन अत्यंत कुशलता के साथ जिला मंत्री अवध सिंह बघेल ने किया। उन्होंने कार्यक्रम को सुव्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाया और प्रत्येक वक्ता को मंच प्रदान करते हुए विषयवस्तु पर केंद्रित रखा। इस अवसर पर मंच पर प्रमुख रूप से जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती विजय सिंह, कार्यक्रम संयोजक गौरव शर्मा, जिला महामंत्री शिवनारायण शर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता जवाहरलाल बघेल, अनेक पाल सिंह, ठा. शल्यराज सिंह, ठा. हरेन्द्र सिंह, राकेश सिंह, भूपेश बघेल, रोरन सिंह बघेल, श्रीमती रामसखी कठेरिया, ब्लॉक प्रमुख पूजा दिवाकर, राहुल सिंह, अनीता सिंह, देवेन्द्र राजपूत, जितेन्द्र गोविल, रामू बघेल, अरविन्द बघेल, निरंजन सिंह बघेल, कृष्णकान्त शर्मा सहित समस्त मंडल अध्यक्ष, सम्मानित जिला पदाधिकारीगण एवं पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे।कार्यक्रम में वक्ताओं ने अहिल्याबाई होलकर के द्वारा बनवाए गए अनेकों मंदिरों, धर्मशालाओं और जल संरचनाओं का भी स्मरण किया। यह बताया गया कि उनके कार्यकाल में पूरे भारत में तीर्थस्थलों का जीर्णोद्धार हुआ, जिससे वे सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की अग्रणी बनीं। संगोष्ठी में उपस्थित सभी लोगों ने यह संकल्प लिया कि अहिल्याबाई होलकर की जीवनशैली और आदर्शों को आत्मसात करते हुए समाज में न्याय, सेवा और समर्पण के कार्यों को प्रोत्साहित करेंगे। कार्यक्रम का समापन भारत माता और अहिल्याबाई होलकर के जयघोष के साथ हुआ।
यह संगोष्ठी न केवल ऐतिहासिक स्मृति को पुनर्जीवित करने का माध्यम बनी, बल्कि यह वर्तमान पीढ़ी को यह संदेश भी दे गई कि सच्चे नेतृत्व का आधार न्याय, करुणा और समाज के प्रति समर्पण होता है।