जिले में पर्याप्त मात्रा में फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध जिले में 27 अक्टूबर को प्राप्त होगी 3100 एमटी फास्फेटिक उर्वरक रैक
किसान भाई नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया के अधिकाधिक उपयोग से लागत कम कर उत्पादन बढ़ाएं
अलीगढ़: सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता कृष्ण कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अवगत कराया है कि जिले में रबी अभियान के दौरान 01 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक कुल 6861 मीट्रिक टन डीएपी व एनपीकेएस का वितरण सहकारी समितियों के 111 केन्द्रों के माध्यम से किसानों को किया गया। उन्होंने बताया कि 3100 मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक की रैक 27 अक्टूबर को आने वाली है। जिले में फास्फेटिक उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने बताया कि जिले में 01 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक सहकारी केन्द्रों को 500 मि0ली0 नैनो डीएपी की कुल 20939 बोतलों का प्रेषण किया गया है, जिनमें से 14385 बोतलों का वितरण किसानों को किया जा चुका है। सभी सहकारी केन्द्रों पर नैनो डीएपी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।उन्होंने किसान भाइयों से अनुरोध किया है कि नैनो डीएपी का भी उपयोग करें। आलू बीज के लिए 30-35 बोरी आलू पर 450 मिली नैनो डीएपी 45 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर बुवाई करें। इसी प्रकार गेहूँ बीज के लिए 200 एमएल नैनो डीएपी 01 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सुखाकर बुवाई करें। पौध वाली फसलों को 5 एमएल नैनो डीएपी प्रति लीटर पानी के हिसाब से मिलकर 20-25 मिनट पौध को डुबाकर रोपाई कर दें। एक बोतल 500 एमएल में बीजोपचार से शेष बची हुई नैनो डीएपी एवं एक बोतल नैनो यूरिया और 500 एमएल सागरिका तरल को 30-35 दिन की फसल पर स्प्रे कर देंउन्होंने नैनो डीएपी के लाभ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नैनो डीएपी से बीज एवं पौध उपचार करने पर बीज अंकुरण में वृद्धि एवं जड़ क्षेत्र का अधिक विकास होता है, कल्लो की संख्या अधिक होती है, कीट एवं रोग के प्रकोप में कमी आती है, खड़ी फसल ने फास्फोरस की उपलब्धता सुनिश्चित होती है और फसल के उत्पादन एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती है।