अलीगढ़

पीपीओ ने रबी फसलों- गेहूं, राई-सरसों, चना, मटर, आलू, गन्ना के लिए जारी की एडवाइजरी  

बुवाई से पूर्व भूमि शोधन एवं बीज शोधन नितान्त आवश्यक है

अलीगढ़जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमित जायसवाल ने किसान बन्धुओं को अवगत कराया है कि वर्तमान में रबी फसलों- गेहूं, राई-सरसों, चना, मटर, आलू, गन्ना की बुवाई की जा रही है। बुवाई से पूर्व भूमि शोधन एवं बीज शोधन नितान्त आवश्यक है जिससे फसलों में होने वाले रोगों से होने वाली क्षति को कम किया जा सके। उन्होंने बीज उपचार के सुझावों एवं संस्तुतियों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के तराई क्षेत्रों में गेहूं की फसल में करनाल बंट की समस्या रहती है। करनाल बंट एक बीज जनित रोग है। बुवाई के लिए रोग रहित बीज का चुनाव करना चाहिये। बीज को दो प्रतिशत नमक के घोल में डुबा दें एवं जो बीज घोल की सतह पर तैरता दिखाई दे उसे निकाल कर फेंक दें। बीज को पानी से निकालकर छाया में सुखाकर बुवाई करना चाहिये। उन्होंने बताया कि अनावृत्त कंडुआ एवं करनाल बंट के नियंत्रण के लिए थीरम 75 प्रतिशत डी0एस0/डब्लू0एस0 की 2.5 ग्राम अथवा कार्बेण्डाजिम 50 प्रतिशत डब्लू0 पी0 2.0 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजशोधन करके बुवाई करेउन्होंने बताया कि चना एवं मटर में प्रायः उकठा की समस्या रहती है ऐसी दशा में बुवाई से पूर्व ट्राईकोडर्मा विरिडी 1.0 प्रतिशत डब्लू0पी0 अथवा ट्राइकोडर्मा हारजिएनम 2 प्रतिशत डब्लू0 पी0 की 5 ग्राम मात्रा अथवा थीरम 75 प्रतिशत डी0एस0 एवं कार्बेण्डाजिम 50 प्रतिशत डब्लू0 पी0 (2 अनुपात 1) की 3 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजशोधन कर बुवाई करना चाहिये।पीपीओ श्री जायसवाल ने बताया कि राई-सरसों में तुलासिता एवं सफेद गेरुई से बचाव के लिए मेटालैक्सिल 35 प्रतिशत डब्लू0एस02 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजशोधन करें। उन्होंने बताया कि गन्ने से प्रायः लाल सड़न रोग की समस्या रहती है इसके बचाव के लिए स्वस्थ बीज का चुनाव करें एवं स्यूडोमोनास फ्लोरसेन्स 0.5 प्रतिशत डब्लू0 पी0 की 1 किलोग्राम मात्रा प्रति कुंतल बीज की दर से बीजशोधित कर बुवाई करें। उन्होंने बताया कि आलू में लगने वाले ब्लैक स्कर्ब एवं ब्राउन रॉट रोग से बचाव के लिए स्वस्थ एवं रोग रोधी प्रजातियों व प्रमाणित बीज का चुनाव करें। ब्लैक स्कर्ब से बचाव के लिए पेनफ्लूफेन 22.43 प्रतिशत एफ0एस0 83मिलीलीटर प्रति 100 लीटर पानी के घोल में 800 किलोग्राम बीज की दर से डुबोकर अथवा कार्बाक्सिन 37.5 प्रतिशत व थीरम 37.5 प्रतिशत डब्लू0एस0 की 2.50 ग्राम मात्रा प्रति कुंतल बीज की दर से बीजशोधित कर बुवाई करना चाहिये। ब्राउन रॉट रोग से बचाव के लिए स्ट्रेप्टोमाइसेन सल्फेट 90 प्रतिशत व टेट्रासाइक्लीन हाइड्रोक्लोराइड 10 प्रतिशत 100 ग्राम प्रति हेक्टेयर (25 कुंतल बीज) की दर से बुवाई करें किसान बन्धु कीट व रोग सम्बन्धी समस्याओं के त्वरित निदान के लिए दूरभाष नंबर 9452247111 एवं 9452257111 करें संपर्क

JNS News 24

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