उत्तर प्रदेश के एटा में होलिका दहन के बाद सोमवार की शाम गोली कांड में प्रदीप की मौत हो गई
परिजन ने करीब 18 घंटे तक शव नहीं उठने दिया। बाद में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के आश्वासन पर मानें।
उत्तर प्रदेश के एटा में होलिका दहन के बाद सोमवार की शाम गोली कांड में प्रदीप की मौत हो गई। मंगलवार की शाम शव को पोस्टमार्टम के बाद घर लाया गया। लेकिन, परिजन ने करीब 18 घंटे तक शव नहीं उठने दिया। बाद में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के आश्वासन पर मानें। बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया।घटना जसरथपुर थाना क्षेत्र के नगला मुरली गांव की है। ग्राम प्रधान महेंद्र कुमार ने बताया कि मंगलवार शाम करीब 7 बजे मृतक प्रदीप का शव गांव में पहुंचा। लेकिन, उसके परिजन फरार आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर शव का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे। इसके साथ ही सरकारी सुविधाओं की मांग भी कर रहे थे। वहीं मृतक की पत्नी रीता ने आरोप लगाया कि थाने के पुलिसकर्मी आरोपियों की मदद कर रहे हैं। उन्हें पकड़कर फांसी की सजा दिलाई जाए। मांग करते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई, पालन-पोषण का खर्चा सरकार उठाए और आर्थिक मदद प्रदान करे। इसके बाद ही हम लोग अंतिम संस्कार होने देंगे। डीएम-एसएसपी को गांव में बुलाने की भी मांग करने लगे।
कार्रवाई के आश्वान पर किया अंतिम संस्कारबाद में क्षेत्राधिकारी अलीगंज सुधांशु शेखर ने गांव में पहुंचकर सभी को समझाया। तब जाकर लगभग 18 घंटे बाद बुधवार दोपहर करीब 1 बजे मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान काफी भीड़ रही। बता दें कि मृतक प्रदीप के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। बेटे की उम्र पांच वर्ष और बेटी की उम्र तीन वर्ष है। प्रधान ने बताया कि हमारे आसपास तीन गांव ऐसे हैं, जिनमें सुबह होलिका दहन होता है। शाम को आखत डालकर परिक्रमा की जाती है। नगला मुरली, नगला गुलरिया और खटुलिया में इस प्रकार की प्रथा काफी समय से चली आ रही है।प्रदीप का शव पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार शाम को गांव पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया। सभी लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजन ने मुख्य आरोपी जेल पुलिस कर्मी धीरेंद्र व अन्य साथियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए शव को रख लिया।