अलीगढ़

बिजली, बैंक, बीमा समेत हजारों हड़ताल पर, रैली निकालकर विरोध जताया

बिजली के निजीकरण, चारों श्रम कोड और पुरानी पेंशन जैसे तमाम मुद्दों पर प्रदर्शन

केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों का साझा मंच एवंसंयुक्त किसान मोर्चा, अलीगढ़

अलीगढ़, 9 जुलाई। केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी अपील पर श्रमिकों की आम हड़ताल का जिले में भी समर्थन रहा। बिजली, बैंक, बीमा के अलावा असंगठित क्षेत्र के हजारों कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने हड़ताल का समर्थन किया।
तस्वीर महल स्थित राजा महेन्द्र प्रताप सिंह पार्क में साढ़े ग्यारह बजे साझा सांकेतिक धरना रखा गया। धरने को संबोधित करते हुए क्रांतिकारी किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव शशिकांत ने कहा किमजदूर विरोधी संहिताएं वेतन, सामाजिक सुरक्षा, कार्यस्थल सुरक्षा और औद्योगिक संबंधों के क्षेत्र में श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करती हैं। इनमें हड़ताल के अधिकार को सीमित करने, कार्यस्थल सुरक्षा को कमजोर करने, “हायर एंड फायर” नीति की अनुमति देने और 8 घंटे के कार्य-दिवस को बढ़ाकर 12 घंटे करने जैसे प्रावधान शामिल हैं। ये वजह है कि किसान-मजदूर मिलकर आज सड़कों पर हैं।ट्रेड यूनियन नेता ललित शर्मा ने कहा कि 8 घंटे के कार्यदिवस की मांग समेत जो अधिकार हमें आज प्राप्त हैं, वे श्रमिकों के लंबे संघर्ष और बलिदान दिया से मिले हैं। आज, ये सभी अधिकार एक नियोजित हमले की चपेट में हैं। श्रमिक वर्ग के शोषण को रोकने के लिए आज एक सशक्त मजदूर आंदोलन की आवश्यकता है।यूपी बैंक कर्मचारी यूनियन के जिला संयोजक प्रदीप चौहान ने कहा कि निजीकरण आमजन के लिए सामाजिक-आर्थिक खतरा है और हमें इसे किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं करेंगें। उन्होंने न बैंकिंग और बीमा क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने का विरोध किया।इनके अलावा राहुल बाबू कटियार, प्रदीप शर्मा, राजकुमार शर्मा, रामकुमार शर्मा, ओ. पी. शर्मा, कृष्णकांत, सूरजपाल उपाध्याय, नगेन्द्र चौधरी, बलवीर सिंह, गजेन्द्र चौधरी, अशोक नगोला, नरेन्द्र पाल सिंह, हिमांशु सिंह, दलवीर सिंह आदि ने संबोधित किया।धरनास्थल से करीब तीन बजे रैली निकालकर सभी संगठनों के नेता एवं कार्यकर्ता झंडे-बैनरो़ के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। रैली के दौरान जमकर नारेबाजी की गई। कलेक्ट्रेट पहुंचकर एसीएम प्रथम विनीत मिश्रा को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ग्यारह सूत्री मांगपत्र सौंपा।मांग पत्र शामिल प्रमुख मांगें :
* चार श्रम कोड वापस लिए जाएं। औद्योगिक मजदूरों के मौलिक अधिकारों – नियमित श्रम की गारंटी, 8 घंटे कार्य दिवस व 26000 रूपए मासिक न्यूनतम मजदूरी, कार्य स्थल में मौलिक सुविधाएं देने व दुर्घटनाओं से सुरक्षा, साप्ताहिक अवकाश, समयबद्ध वेतन भुगतान, यूनियन बनाकर संगठित होने का अधिकार, पुरानी पेंशन व्यवस्था आदि की गारंटी करें और पुराने श्रम कानूनों को सख्ती से अमल करें।
* यूपी में दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण करने के फैसले पर रोक लगायी जाए। बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि और स्मार्ट मीटर योजना वापस ली जाए । सभी ग्रामीण उपभोक्ताओं, घरेलू व दुकानों को हर महीना 300 यूनिट बिजली मुफ्त देकर तथा ट्यूबवेलों को 18 घंटे मुफ्त व नियमित बिजली आपूर्ति की जाए।
* नए प्रस्तावित बिजली कानून जिसमें स्मार्ट मीटर योजना, रियायती बिजली समाप्त करने आदि के प्रावधान हैं, को किसानों की सहमति लिए बिना अमल नहीं किया जाए।
* सरकार को निजी कम्पनियों से महंगी बिजली खरीदना बंद करे।
* मर्जर के नाम सरकारी स्कूलों को बंद करने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
* सभी किसानों-मजदूरों के बकाया कर्ज माफ किये जाएं। समूह कर्ज में ब्याज दर घटा 4 फीसदी प्रति वर्ष किया जाए।
* सरकारी मण्डियों को पीपीपी मोड में कारपोरेट घरानों को सौंपने की केन्द्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार किया जाए।
* सभी किसानों को सभी फसलों का स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार गारंटीशुदा न्यूनतम समर्थन मूल्य कुल लागत का डेढ़ गुना घोषित किया जाए।
* अमेरिका, इंग्लैण्ड और यूरोप के साथ मुक्त कृषि व्यापार संधि हस्ताक्षरित न की जाए और किसी भी कीमत पर फसलों व दूध का मुक्त आयात कर भारत में कृषि पैदावार व किसानों को बरबाद न किया जाए।
* देश भर में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा कम्पनियों को अनुमति देकर जंगलों की कटाई पर रोक लगाई जाए
* किसान धान की रोपाई के लिए अविलंब नहरों में टेल तक भरपूर पानी पहुंचाया जाय , बिजली की कटौती पर रोक लगाई जाए।
शामिल संगठन : विद्युत संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति, बिजली संविदा कर्मचारी संघ, आल इण्डिया बीमा कर्मचारी संघ, यूपी बैंक कर्मचारी यूनियन, यूपी मेडीकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन, निर्माण श्रमिक संगठन, अटेवा, आल इंडिया लायर्स यूनियन, पीयूसीएल, उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ, रिक्शा चालक यूनियन, क्रांतिकारी किसान यूनियन, अखिल भारतीय किसान सभा।
जारीकर्ता

JNS News 24

Related Articles

error: Content is protected !!