डीएम की जिला परामर्शदात्री एवं जिला पुनरीक्षण समिति की त्रैमासिक समीक्षा बैठक संपन्न
शासन की मंशा के अनुरूप स्वरोजगार स्थापना के लिए बैंकर्स अधिक से अधिक ऋण करें वितरित
अलीगढ़ जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को कलैक्ट्रेट सभागार में जिला परामर्शदात्री एवं जिला पुनरीक्षण समिति की त्रैमासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। डीएम ने कहा कि साहूकारी पृथा को खत्म करने के लिए बैंकिंग व्यवस्था लागू की गयी है। बैंकर्स को चाहिए कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने एवं शासकीय योजनाओं के सफल संचालन के लिए अधिक से अधिक ऋण वितरण करें। बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ऋण संभाव्यता (पीएलपी) 1538104.56 लाख प्रस्तुत की गयी जो वित्तीय वर्ष 2023-24 से 36.45 प्रतिशत अधिक है। आकांक्षी विकास खण्ड गंगीरी के लिए 131040.02 लाख की पीएलपी प्रस्तुत की गयी।जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने बैंकर्स से आव्हान किया है कि शासन की मंशा के अनुरूप स्वरोजगार स्थापना के लिए अधिक से अधिक ऋण वितरित करें। आगामी वर्ष के लिए प्रस्तुत पीएलपी में बढ़ोत्तरी करना सरकार की मंशा को स्पष्ट करता है कि वह स्वरोजगार स्थापना एवं हर हाथ को काम देने के प्रति कितनी संवेदनशील है। त्रैमासिक समीक्षा में पाया गया कि जिले का सीडी रेशियो सितम्बर माह में 52.27 रहा जबकि जून माह में 51.86 प्रतिशत था। वहीं जिले के 11 बैंक 60 प्रतिशत से अधिक, 04 बैंक 40 से 60 प्रतिशत एवं 11 बैंक 40 प्रतिशत से कम सीडी रेशियो वाले रहे। डीएम ने शाखा प्रबंधकों को निर्देशित किया है कि वह अधिकाधिक लोन वितरित कर सीडी रेशियो बढ़ाएं। सामान्य कृषकों के साथ ही मत्स्य पालक किसानों का केसीसी बनाएं। विभाग द्वारा विभिन्न बैंकों को भेजे गये 186 आवेदन पत्रों के सापेक्ष मात्र 10 केसीसी स्वीकृत किया जाना पाया गया।डीएम ने विभागों द्वारा शासकीय योजनाओं के सफल संचालन के लिए भेजे गये आवेदन पत्रों को महीनों लंबित रखने पर कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के स्पष्ट निर्देश हैं कि पत्रावली को तीन दिनों से अधिक लंबित न रखा जाए। परन्तु बैंकर्स द्वारा निर्देशों का पालन न किया जाना अत्यंत ही खेदजनक है। सीडीओ आकांक्षा राना ने कहा कि बैंकर्स लाभार्थी को लाभ दिये जाने के सकारात्मक उद््देश्य के साथ कार्य करें। उन्होंने अधिकारियों एवं बैंकर्स को निर्देशित किया कि आकांक्षी ब्लॉक गंगीरी को प्राथमिकता से सभी योजनाओं में संतृप्त करना सुनिश्चित करें।डीडीएम नाबार्ड नितिन कमल ने बताया कि आगामी वर्ष के लिए ऋण संभाव्यता में 36 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गयी है। उन्होंने बताया कि कृषि के बुनियादी ढ़ांचे और सहायक गतिविधियों में 665220.36 लाख, आवास ऋण में 53159 लाख, एमएसएमई क्षेत्र में 700280 लाख, आधारभूत संरचना ऋण में 17430 लाख, निर्यात ऋण में 68840 लाख, नवीकरण ऊर्जा क्षेत्र में 1382.70 लाख, शिक्षा ऋण में 20629.50 और अनौपचारिक ऋण वितरण के लिए 10863 लाख का प्राविधान किया गया है। संयुक्त आयुक्त उद्योग बीरेन्द्र कुमार ने बैंकर्स से कहा कि वह विभिन्न योजनाओं में वितरित लोन के सापेक्ष मार्जिन मनी का दावा समय से प्रस्तुत कर दें।
बैठक का संचालन एलडीएम सुरेश राम द्वारा किया गया। विभागीय अधिकारियों के साथ सभी बैंकों के जिला समन्वयक उपस्थित रहे।