मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव की वजह से भारत और मालदीव के रिश्ते में खटास आ गई
मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भारत के विदेश मंत्री और भारत सरकार को 'ईमानदारी' से धन्यवाद दिया
मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव की वजह से भारत और मालदीव के रिश्ते में खटास आ गई है, लेकिन भारत मालदीव के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रहा है. मालदीव को कोटा के तहत आवश्यक वस्तुओं के निर्यात की अनुमति देने के बाद मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भारत के विदेश मंत्री और भारत सरकार को ‘ईमानदारी’ से धन्यवाद दिया है. मूसा जमीर ने इस अनुमति के बाद इसे ‘दीर्घकालिक दोस्ती का प्रतीक’ बताया है. मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘मैं ईमानदारी से विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को धन्यवाद देता हूं. भारत सरकार ने कोटा का नवीनीकरण करके मालदीव को वर्ष 2024 और 2025 के दौरान भारत से आवश्यक वस्तुओं के आयात में सक्षम बनाया है. यह वास्तव में एक संकेत है जो हमारे दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक मित्रता का प्रतीक है.’
रेत और पत्थर का होगा अधिक निर्यात
मालदीव मे स्थित भारतीय उच्चायोग ने भी भारत और मालदीव के इस समझौते को लेकर एक्स पर पोस्ट किया है. उच्चायोग ने बताया कि भारत से मालदीव निर्यात होने वाले सभी आइटम की मात्रा बढ़ाई गई है. साल 1981 से लागू इस व्यवस्था में इस साल सबसे अधिक बढ़ोतरी की गई है. मालदीव में इस समय तेजी से निर्माण उद्योग बढ़ रहे हैं, ऐसे में नदी रेत और पत्थर की मात्रा को 25 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है.
खाद्य वस्तुओं का 5 फीसदी अधिक निर्यात
अंडा, आलू, प्याज, चीनी, चावल, गेंहूं का आटा और दाल के कोटे में 5 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. पिछले साल अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध के बावजूद भारत ने मालदीव को चावल, चीनी और प्याज का निर्यात जारी रखा था. मालदीव में स्थित भारतीय उच्चायोग ने अपने बयान में कहा है कि भारत ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत लगातार मालदीव में आवश्यक वस्तुओं का निर्यात कर रहा है. दरअसल, मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत और मालदीव के रिश्ते में तनाव आ गया है. क्योंकि मुइज्जू को चीन परस्त नेता के तौर पर देखा जाता है.