पाकिस्तान में नेशनल असेंबली और प्रांतीय चुनाव के नतीजे सामने आने लगे
शरीफ के कार्यकाल में अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रिश्ते काफी हद तक अच्छे रहे
चुनाव से पहले जैसे की उम्मीद जताई जा रही थी कि नवाज शरीफ की अगुवाई वाली पार्टी पीएमएल-एन की जीत सुनिश्चित है. वैसा दिखाई देता हुआ नजर नहीं आ रहा है. खबर लिखे जाने तक 265 में से 65 सीटों के नतीजे सामने आ गए हैं. इसमें पीटीआई और पीपीपी को क्रमशः 22-22 सीटों पर जीत मिली है, जबकि पीएमएल-एन 18 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर चल रही है. चुनाव से पहले पीएमएल-एन के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दावा किया था कि अगर उनकी पार्टी को चुनाव में जीत मिलती है तो वह भारत के सात रिश्ते में सुधार करेंगे. इसके अलावा वह पाकिस्तान को कंगाली के हालात से उबारने के लिए जीतोड़ मेहनत करेंगे.
नवाज शरीफ के इन चुनावी दावों के बीच पाकिस्तानी यूट्यूबर शोएब चौधरी ने 8 फरवरी को पीएमएल-एन की महिला कार्यकर्ताओं से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का विचार जाना और आम चुनाव में अगर उन्हें जीत मिलती है तो वह क्या कार्य करेंगे इसका जवाब भी जाना.कार्यकर्ताओं ने बातचीत के दौरान बताया गया कि अगर पीएमएल-एन को जीत मिलती है तो नवाज देशहित में काम करेंगे. पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई पर वह लगाम लगाएंगे, शिक्षा प्रणाली में सुधार करेंगे और भारत के साथ रिश्ते में सुधार करेंगे. महिला कार्यकर्ताओं ने बताया कि पार्टी के पिछले इतिहास को देखें तो जब हमारी सरकार बनी है, तब हमने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश की है. चाहे वह चीन हो अमेरिका हो या भारत. इस दौरान हमें काफी आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी हैं. लोगों ने हमारे खिलाफ नारे लगाए ‘मोदी का जो यार है, वो गद्दार है.’पार्टी की कार्यकर्ताओं को विश्वास है कि नवाज शरीफ चौथी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनेंगे. शरीफ के कार्यकाल में अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रिश्ते काफी हद तक अच्छे रहे थे. नवाज और मोदी के रिश्ते को इस बात से समझा जा सकता है कि 2015 में नवाज शरीफ के जन्मदिन पर मोदी ने पाकिस्तान का दौरा किया था. इस दौरान नवाज सारे प्रोटोकॉल तोड़ते हुए खुद उनसे मिलने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे. उस दौरान ऐसी खबर आई थी कि दोनों देश पुराने कड़वाहट को भुलाकर नए रिश्ते का आगाज करना चाहते हैं.