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सजाना सजीवन कभी धान के खेतों में नारियल के बल्ले से खेलती थीं

सजाना सजीवन कुरिचिया जनजाति समुदाय से तालुक्क रखती हैं.

वीमेंस प्रीमियर लीग ऑक्शन का आयोजन मुंबई में हुआ. इस ऑक्शन में कई भारतीय और विदेशी खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश हुई. वहीं, इस ऑक्शन के बाद एक नाम लगातार खबरों में बना हुआ है. दरअसल, मुंबई इंडियंस ने 15 लाख रुपए खर्च कर सजाना सजीवन को अपनी टीम का हिस्सा बनाया. सजाना सजीवन कुरिचिया जनजाति समुदाय से तालुक्क रखती हैं. इस तरह सजाना सजीवन वीमेंस प्रीमियर लीग में खेलने वाली दूसरी आदिवासी क्रिकेटर बन गईं हैं. इससे पहले पिछले साल केरल के वायनाड से आदिवासी समुदाय से तालुक्क रखने वाली मिन्नू मणि वीमेंस प्रीमियर लीग में खेलीं थीं.

सजाना सजीवन का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं

लेकिन क्या आप सजाना सजीवन के सफर के बार में जानते हैं? दरअसल, सजाना सजीवन का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. सजाना सजीवन अपने बचपन के दिनों में मनंतवाडी के बाहरी इलाके में अपने घर के पास धान के खेतों में नारियल के पेटीओल से बने बल्ले और प्लास्टिक की गेंद से दोस्तों और चचेरे भाइयों के साथ मस्ती के लिए क्रिकेट खेलती थीं. इस खिलाड़ी को 17 साल की उम्र तक महिला क्रिकेट के बारे में पता नहीं था. लेकिन इसके बाद किस्मत ऐसी चमकी कि आज वीमेंस प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस जैसी बड़ी टीम के साथ जुड़ गईं हैं.

‘अब दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा दिखाने की जिम्मेदारी मेरी है’

सजाना सजीवन ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में कहा कि वह पिछले साल भी नीलामी पूल का हिस्सा थीं, लेकिन उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला था. पिछली डब्ल्यूपीएल नीलामी में जब मुझे किसी फ्रेंचाइजी द्वारा नहीं चुना गया तो मैं परेशान थी. लेकिन मुझे पता था कि अगर मैं कड़ी मेहनत करती रहूंगी, तो मेरी प्रतिभा को पहचाना जाएगा. मैं कुछ दिन पहले उनके ट्रायल में शामिल हुई थी और मैं बहुत खुश हूं कि मुंबई इंडियंस जैसी टीम ने मुझे खरीदा है. साथ ही उन्होंने कहा कि अब दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा दिखाने की जिम्मेदारी मेरी है.

JNS News 24

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