शनिवार का दिन न्यायधीश महाराज शनि को समर्पित
. शनि फिलहाल मीन राशि में विराजित हैं और जल्द ही इसी राशि में वक्री होने वाले हैं.

शनिवार का दिन न्यायधीश महाराज शनि को समर्पित होता है. शनि फिलहाल मीन राशि में विराजित हैं और जल्द ही इसी राशि में वक्री होने वाले हैं. शनि ऐसे देवता हैं जिनके शुभ फल से जिंदगी संवर जाती है. लेकिन शनि की अशुभ दृष्टि जिस पर पड़ जाती है वह चैन से जी नहीं पाता.खासकर जिनकी कुंडली में शनि शुभ स्थिति न हो, शनि का महादशा हो, शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या चल रही हो तो ऐसा समय बहुत कष्टकारी रहता है. इस दौरान शनि देव कर्मों के अनुसार कष्ट जरूर देते हैं. लेकिन कुछ उपायों से आप इन कष्टों से बच सकते हैं.दरअसल शनिवार शनि देव की पूजा का प्रिय वार होता है. शनि की अशुभ दशा से बचने के लिए आप शनिवार की शाम कुछ खास उपायों को कर सकते हैं. इन उपायों को करने से शनि न सिर्फ शुभ फल देने लगते हैं बल्कि प्रसन्न भी होते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इन उपायों को सूर्यास्त के बाद ही करें.ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, शनिवार की शाम पीपल वृक्ष के नीचे सरसों तेल का दीप जलाना चाहिए. इससे न सिर्फ शनि देव प्रसन्न होंगे बल्कि जीवन की नकारात्मकता भी दूर हो जाएगी.शनिवार की शाम शनि चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत अच्छा माना जाता है. इससे शनि की साढ़ेसाती और महादशा का प्रभाव कम होता है.शनिवार को एक कटोरी सरसों का तेल लेकर उसी तेल में अपना चेहरा देखें. इसके बाद किसी शनि मंदिर में शनि देव के चरणों में यह तेल अर्पित करें और बाद में किसी को दान दे दें. इससे कुंडली में चल रहा दोष दूर हो जाता है.शनिवार की शाम किसी काले कुत्ते को उड़द दाल के पकौड़े बनाकर खिला दें. इससे शनि दोष का प्रभाव कम होता है.