वो बोल्ड हैं, बिंदास हैं और बेबाक भी हैं. बॉलीवुड में ‘डैडी’, ‘सड़क’, ‘तमन्ना’ जैसी फिल्मों में शानदार एक्टिंग की और फिर फिल्ममेकर भी बनीं.
एक्टिंग से एक बहुत ही लंबा ब्रेक लिया और फिर दमदार वापसी हुई.
वो बोल्ड हैं, बिंदास हैं और बेबाक भी हैं. बॉलीवुड में ‘डैडी’, ‘सड़क’, ‘तमन्ना’ जैसी फिल्मों में शानदार एक्टिंग की और फिर फिल्ममेकर भी बनीं. एक्टिंग से एक बहुत ही लंबा ब्रेक लिया और फिर दमदार वापसी हुई. जी हां, हम बात रहे हैं पूजा भट्ट की, जो इन दिनों अपनी सीरीज ‘बिग गर्ल्स डोंट क्राई’ को लेकर चर्चा में हैं. ये सीरीज गर्ल बोर्डिंग स्कूल पर बेस्ड है जिसमें पूजा भट्ट प्रिसिंपल के किरदार में हैं. पूजा ने अपनी सीरीज को लेकर खास बातचीत की और कई दिलचस्प बातें बताईं.पूजा भट्ट रोल साइन करते समय क्या ध्यान में रखती हैं? इस सवाल पर वो कहती हैं, ‘मैं सिर्फ एक्टर नहीं हूं, मैं फिल्ममेकर भी हूं. मैं ओवरव्यू देखती हूं. मैंने आर. बाल्की के साथ ‘चुप’ की थी. मेरा रोल सेकेंड हाफ में आता है, मगर इंपैक्ट तो रहा. आप जैसी जिंदगी जीते हैं वैसे रोल्स आपको मिलते हैं. ‘बॉम्बे बेगम्स’ मुझे सिर्फ मेरी एक्टिंग की वजह से नहीं मिली थी, मुझे इसलिए मिली थी क्योंकि मैं 21 साल के लिए प्रोड्यूसर रह चुकी थी, डायरेक्टर रह चुकी थी, मैं बैंक के सीईओ के रोल में फिट बैठती थी.’
जब पूजा से कहा गया- आप स्टार हो प्रोडक्शन में क्यों घुसना है? पूजा भट्ट इंडिया की फर्स्ट फीमेल प्रोड्यूसर रह चुकी हैं. उन्होंने 24 साल की उम्र में तमन्ना फिल्म को प्रोड्यूस किया था. उस दौरान उन्हें बहुत सारे लोगों ने सलाह दी कि एक्टिंग ही करें, प्रोडक्शन का काम नहीं. उन दिनों को याद करते हुए पूजा भट्ट ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ‘मुझे कहा कि गया कि प्रोडक्शन वगैरह करो मत ये मर्दो की जागीर है. एक्टिंग करो ना, आप स्टार हो, क्यों प्रोडक्शन में घुसना है? मुझे लगता है कि अगर आपका फोकस ये है कि आप जिंदगी भर अपने एज के हिसाब से काम नहीं करेंगे, आप मां का रोल नहीं करेंगे, आप प्रिसिंपल का रोल नहीं करेंगे… मेरे मिनट कितने हैं, ये देखेंगे….तो फिर दिकक्त तो आएगी. अब जमाना बदल चुका है.’वो कहती हैं, मैं इंग्लिश स्पीकिंग वर्ल्ड और हिंदी स्पीकिंग वर्ल्ड दोनों में काम कर सकती हूं. ये औरतों के लिए बहुत अच्छा समय है. अगर आप 90s में अटके हो, कि मैं मां का रोल नहीं करुंगी. मुझे मेरा क्लोज अप ऐसा ही चाहिए… तो फिर दिक्कत तो होगी.’
हर उम्र के साथ कनेक्टेड रहना चाहती हैं पूजा भट्टपूजा भट्ट हर उम्र के लोगों के साथ रेलेवेंट रहना चाहती हैं इसलिए उन्होंने ये सीरीज साइन की. उनका कहना है कि जब उनके पास ये ऑफर आया तो उन्होंने तुरंत हां कर दी. कितने सीन हैं, कितना स्क्रीन प्रेंजेंस हैं इसके बारे में कोई सवाल नहीं किया.पूजा कहती हैं, ‘मैं अगर कहानी से जुड़ जाती हूं तो जुड़ जाती हूं. ये ओल्ड फैशन हो गया कि लोग पहले अपना सीन पढ़ते हैं, फिर किसी प्रोजेक्ट से जुड़ते हैं. अब जमाना बदल गया है. मैं ये नहीं देखती नहीं हूं कि मेरा एक सीन है या 50 सीन है.’ पूजा भट्ट कहती हैं कि उनकी फिल्में ‘डैडी’, ‘दिल है कि मानता नहीं’ और ‘सड़क’ जब रिलीज हुई तब बहुत सारे लोग पैदा भी नहीं हुए होंगे. आखिर उन लोगों से वो कैसे कनेक्टेड रहेंगी. कुछ फायदा उन्हें बिग बॉस में जाने से मिला और अब इस सीरीज से भी मिलेगा.वो कहती हैं, ‘आज इस उम्र में एक गर्ल स्कूल की प्रिसिंपल का रोल मिल रहा है, तो मैंने बिना हिचकिचाए इसके लिए हामी भर दी. यहां 17-18 की उम्र का ग्रुप है. मैं 52 साल की हो चुकी हूं. यंग लोगों के साथ रेलवेंट रहना बहुत जरुरी है.’